पाप शरीर नहीं विचार करते हैं — नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज

हरिद्वार, 29 मई 2021। गढ़ निनाद समाचार। कोरोनाकाल में एकांतवास पर चल रहे नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज ने वर्चुअल प्रवचन करते हुए बताया कि दुनिया में रहते हुए दो चीजों को कभी नहीं भूलना चाहिए। न भूलने वाली चीज एक तो परमात्मा तथा दूसरी अपनी मौत। भूलने वाली दो बातों में से एक है-तुमने किसी का भला किया तो उसे तुरन्त भूल जाओ और दूसरी किसी ने तुम्हारे साथ अगर कभी कुछ बुरा भी कर दिया तो उसे तुरन्त भूल जाओ। बस, दुनिया में ये दो ही बातें याद रखने और भूल जाने जैसी हैं।
प्रवचन के दौरान एक श्रद्धालु ने प्रश्न पूछा कि स्वर्ग मेरी मुठ्ठी में हो-इसके लिए मैं क्या करूं? इसके उत्तर में संत रसिक ने कहा कि कुछ मत करो। बस इतना ही करो कि दिमाग को ‘ठंडा’ रखो, जुबान को ‘नरम’ रखो और दिल में ‘रहम’ रखो। अगर तुम ऐसा कर सके तो फिर तुम्हें किसी स्वर्ग तक जाने की जरूरत नहीं है। स्वर्ग खुद तुम तक चलकर आएगा। विडम्बना तो यही है कि हम स्वर्ग तो चाहते हैं। मगर ‘स्वर्गीय’ होना नहीं चाहते। उन्होंने बताया कि कहीं ना कहीं कर्मों का डर है नहीं तो गंगा पर इतनी भीड़ क्यों है? जो कर्म को समझता है उसे धर्म को समझने की जरुरत ही नहीं । पाप शरीर नहीं करता विचार करते है और गंगा विचारों को नहीं सिर्फ शरीर को धोती है | शब्दों का महत्व तो बोलने के भाव से पता चलता है , वरना वेलकम तो पायदान पर भी लिखा होता है ।