सुख समृद्धि के लिए यज्ञ जरूरी : नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज
देहरादून। व्योमप्रस्थ देहरादून में कर्नल रामेश्वर प्रसाद बहुगुणा की तेरहवीं पर आयोजित गरुड़ पुराण महायज्ञ में गुरुवार की सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी। महायज्ञ में मंत्रोंच्चारण से पूरा क्षेत्र भक्तिमय बन गया। गरुड़ पुराण महायज्ञ के समापन पर प्रवचन के दौरान नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज ने कहा कि इंसान को जन्म से लेकर मृत्यु तक आराम मिलने वाला नहीं है। भागदौड़ की जिंदगी से अपनी थोड़े से समय निकाल कर भगवान को समर्पित करें। भगवान का थोड़ा सा नाम लेकर अपने उस खाते में जमा कर लेना पुण्य का काम होता है। श्री गरुड़ पुराण महायज्ञ जैसे धार्मिक अनुष्ठानों मे भाग लेने एवं धार्मिक कार्यों मे रुचि लेने से श्रद्धालुओं को जहां पूर्व जन्म के संस्कारों का पुण्य अर्जित होता है। वहीं विश्व एवं ब्रह्मांड का वातावरण की शुद्धि होती है।
उन्होंने कहा कि बदलते दौर में आध्यात्म के केंद्र व्यापारिक होते जा रहे है। सन्त रसिक महाराज ने बताया कि शास्त्रों में दूध पिलाने वाली, गर्भ में धारण करने वाली, भोजन देने वाली, गुरुपत्नी, इष्टदेव पत्नी, पिता की पत्नी, पितृ कन्या (सौतेली बहन), सहोदरा बहन, पुत्रवधू, सासु, नानी, दादी, भाई की पत्नी, मौसी, बुआ, मामी – ये सभी वेदविहित मनुष्यों के लिए सोलह प्रकार की माताएँ हैं।
इस अवसर पर स्व कर्नल बहुगुणा के पुत्रों राजीव बहुगुणा एवं सजींव बहुगुणा ने शाल ओढ़ाकर नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज का आशीर्वाद लिया। कार्यक्रम में श्री लीलाधर बहुगुणा, श्रीमती रंजना उनियाल, श्रीमती इप्सिता बहुगुणा, श्रीमती शैलजा बहुगुणा, डॉ राजेन्द्र प्रसाद डोभाल, श्रीमती वन्दना डोभाल, ब्रिगेडियर अरुण उनियाल, रसिक ज्ञान भक्ति समिति की राष्ट्रीय प्रभारी साध्वी माँ देवेश्वरी जी, आचार्य रमेंश ममगांई एवं बड़ी संख्या में आमन्त्रित श्रद्धालु उपस्थित रहे।