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श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण से संभव हो जाता है परमात्मा से मिलन — डाक्टर सुरेश चरण बहुगुणा

श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण से संभव हो जाता है परमात्मा से मिलन — डाक्टर सुरेश चरण बहुगुणा
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रायवाला हरिद्वार। माँ उमा देवी घिल्डियाल के वार्षिक श्राद्ध के अवसर पर प्रतीतनगर रायवाला में चल रही भागवत पित्र मोक्ष कथा के चौथे दिन आचार्य डॉक्टर सुरेश चरण बहुगुणा ने बताया कि श्रीमद्भागवत कथा लोकहितकारी, कल्याणकारी और मानव को सही मार्ग की ओर ले जाती है। यह कथा जीव को पापों से मुक्ति प्रदान कर उसको मोक्ष की ओर ले जाने का सुगम व अतिसरल मार्ग है। कथा के श्रवण मात्र से जीव का परमात्मा से मिलन संभव हो जाता है। 

उन्होंने कहा कि कथा औषधीय रूपी अमृत है जो मन और तन दोनों को स्वस्थ कर देती है। मन रूपी बीमारी कथा रूपी औषधि के श्रवण से ठीक हो जाती है। उन्होंने शौनक ऋषि की कथा सुनाते हुए कहा कि वैदिक उन्होंने गुरु-शिष्य परंपरा व संस्कारों को इतना फैलाया कि उन्हें 10 हजार शिष्यों वाले गुरुकुल का कुलपति होने का गौरव मिला। शिष्यों की यह संख्या कई आधुनिक विश्वविद्यालयों की तुलना में भी कहीं ज्यादा थी। कहा कि आज के समय में व्याप्त चिंता, तनाव और व्याकुलता से मुक्ति श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण से ही मिल सकती है। नृसिंह जन्मोत्सव, वामन भगवान की कथा सुनकर श्रोता भावविभोर हो गए.

आज कथा में कनाडा से पधारे नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज की दत्तक कन्या श्रीमती नेहा शर्मा का जन्मदिन भी मनाया गया। इस अवसर पर साध्वी माँ देवेश्वरी, पशुपतिनाथ नेपाल से पधारे सुदर्शनाचार्य, हरीश पंत, आरती बिष्ट, संगीतज्ञ आचार्य मनोज पोखरियाल, श्रीमती आरती घिल्डियाल एवं बड़ी संख्या में श्रोता उपस्थित रहे।


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Govind Pundir

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