पंचायतीराज दिवस पर पंचायत प्रतिनिधियों को बधाई–शांति भट्ट
नई टिहरी। 26जनवरी 1950को महान भारत का जो संविधान लागू हुआ था, उसमें दो सरकारों का प्रावधान किया गया था, अर्थात संविधान के भाग 5 में संघ यानी केंद्रीय सरकार का विवरण है, और भाग 6में राज्य सरकार का विवरण है, पहली केन्द्र सरकार दूसरी राज्य सरकार और वर्ष 1994तक इन्ही दो सरकारों से देश की शासन व्यवस्था चलती रही।
यधपि “भारत गांव में बसता है” इसे मूर्त रूप देने के लिए आधुनिक भारत के प्रथम प्रधानमंत्री स्व.जवाहर लाल नेहरु जी ने सबसे पहले “राजस्थान” के “नागौर” जिले के “बगधरी” गांव में 2 अक्टूबर 1959 को पंचायतीराज व्यवस्था की नींव रखी थी। किंतु वर्ष 1989 में तत्कालीन युवा प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व.राजीव गांधी जी की सरकार के 64वें संविधान संशोधन विधेयक के आधार पर तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व.नरसिम्हाराव जी की सरकार ने संविधान संशोधन कर भाग 9जोड़ा। इस भाग में 16 नए अनुच्छेद और एक अनुसूची जोड़ी गई, भाग 9 के अनुच्छेद 243(ए) से लेकर अनुच्छेद 243 (ओ) तक पंचायतों से संबंधित प्राविधानों का उल्लेख किया गया है। जैसे – ग्रामों में पंचायतों के गठन, उनके निर्वाचन, शक्तियों और उतरदायित्त्यो आदि के लिए पर्याप्त उपबंध है।
इसी प्रकार 74वें संविधान संशोधन द्वारा भाग 9(ए) जोड़ा गया। इस भाग के द्वारा नगर महापालिकाओं/परिषदो/ पंचायतों में लोकतांत्रिक प्रणाली को संवैधानिक मान्यता प्रदान की गई। इस प्रकार self Government अर्थात अपनी सरकार का प्रावधान किया गया।
इस क्रांतिकारी निर्णय से पूज्य बापू महात्मा गांधी जी के ग्राम स्वराज की भावना साकार हुई । आइए, हम सब मिलकर पंचायतों को सशक्त बनाए और भारत जो गांवो में बसता है उसे मजबूत करें।