कथा व्यास राष्ट्रीय संत डॉ दुर्गेश आचार्य बोले- सुख समृद्धि और आनंद देने वाली है शिव महापुराण
टिहरी गढ़वाल 18 सितम्बर। बौराड़ी स्टेडियम में शिव महापुराण कथा के आठवें दिन जब शिव पार्वती भगवान गणेश और कार्तिकेय की झांकी भक्तों व ढोल नगाड़ों के साथ कथा स्थल पहुंची तो पूरा पंडाल भगवान भोले , मां पार्वती , गणेश और कार्तिकेय की जय के नारों से गूंज उठा। भक्तजनों में शिव परिवार से आशीर्वाद लेने की होड़ लगी रही।
व्यासपीठ से राष्ट्रीय संत डॉ दुर्गेश आचार्य जी ने कहा कि शिव महापुराण की कथा मानव जाति को सुख समृद्धि आनंद देने वाली है। क्योंकि भगवान शिव कल्याण और सुख के मूल स्तोत्र हैं। यह प्रवचन कथा व्यास राष्ट्रीय संत डॉ दुर्गेश आचार्य जी ने दिए।
डॉ दुर्गेश बौराड़ी स्टेडियम में आयोजित आठवें दिन साेमवार काे शिव महापुराण में बाेल रहे थे। उन्होंने कहा कि महापुराण सुनने मात्र से ही वंश में वृद्धि होती है। महापुराण कल्पवृक्ष के समान है, जो इसे जिस कामना के साथ सुनता, वह कामना पूरी होती है। शिव जब अपने भगत पर प्रसन्न होते हैं तो वह उसे सब कुछ प्रदान कर देते हैं। उन्हें प्रसन्न करने के लिए किसी बड़े प्रयास की जरूरत नहीं है, वह तो केवल सच्ची श्रद्धा और भक्ति के अधीन है। कथा समाप्ति पर आरती के बाद सभी श्रद्धाओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
इस मौके पर पूर्व राज्यमंत्री प्रवीण भंडारी, डीसीडीएफ अध्यक्ष अनुसूया नौटियाल, पूर्व प्रमुख खेम सिंह चौहान, एडवोकेट माधुरी पांडेय, पूर्व प्रमुख विजय गुनसोला, लक्ष्मण रावत, आनंद घिल्डियाल, रामलाल डोभाल, द्वारिका भट्ट, मोहनलाल सेमवाल, महाजन रावत, गिरिजा प्रसाद सेमवाल, , निर्मला बिजल्वाण, सुनील कोठारी, सुमति सजवाण, जगतमणि पैन्यूली, नित्यानंद बहुगुणा, भगवती भद्री, महिमा नन्द नौटियाल, नवीन सेमवाल , वीसी नौटियाल आदि मौजूद रहे। कथा का लगातार 8वें दिन सफल संचालन श्री सतीश थपलियाल ने किया।