आश्रम पद्धति आवासीय विद्यालयों में अनुसूचित जाति के बच्चों के प्रवेश पर प्रतिबंध को तुगलगी फरमान बताया: आंदोलन की चेतावनी
देहरादून 7 अप्रैल। आश्रम पद्धति विद्यालयों में अनुसूचित जाति के छात्रों को प्रवेश दिए जाने से प्रतिबंधित किए जाने पर राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने आक्रोश व्यक्त करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है।
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवप्रसाद से मोबाइल ने कहा कि चकराता जौनसार क्षेत्र के आधार पर अनुसूचित जनजाति क्षेत्र घोषित किया गया है यहां पर सभी जातियों के लोगों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्राप्त है। ऐसे में सवर्ण जाति के बच्चों को तो प्रवेश दिया जा रहा है लेकिन अनुसूचित जाति के बच्चों को प्रवेश दिए जाने से प्रतिबंधित कर दिया गया है जो कि सरासर अमानवीय है।
शीघ्र प्रतिबंध वापस न लिए जाने पर राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने आंदोलन की चेतावनी दी है।
गौरतलब है कि समाज कल्याण विभाग देहरादून ने महालेखाकार की आडिट आपत्ति रिपोर्ट का हवाला देकर आश्रम पद्धति विद्यालय में अनुसूचित जाति के बच्चों को प्रवेश दिये जाने से इंकार कर दिया है।
शिवप्रसाद सेमवाल ने जनजाति क्षेत्र में व खुले आश्रम पद्धति आवासीय विद्यालयों में अनुसूचित जाति के बच्चों के प्रवेश पर प्रतिबंध को तुगलगी फरमान बताते हुए कहा कि इससे अनुसूचित जाति के नौनिहाल शिक्षा अधिकार से वंचित हो रहे है। सेमवाल ने कहा कि इसको लेकर अभिभावकों में भारी आक्रोश व्याप्त है और आंदोलन की चेतावनी दी है ।
सेमवाल ने अफसोस जताया कि आर्थिक रूप से कमजोर छात्र प्रवेश को दर दर भटक रहे हैं ।
सेमवाल ने बताया कि आर्थिक एवं सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों के बच्चों के शैक्षिक भविष्य को तराशने वाले आश्रम पद्धति विद्यालयों की स्थापना की गई थी।
सेमवाल ने कहा कि एक ओर सरकार समाज के शोषण व वंचित वर्गों की शिक्षा के लिए बड़े बड़े दावे करती है दूसरी ओर जनजाति क्षेत्र जौनसार बावर मे खुले आश्रम पद्धति आवासीय विद्यालयों में अनुसूचित जाति के बच्चों के प्रवेश पर प्रतिबंध का शासन जारी कर उनके शिक्षा के अधिकार से वंचित करती हैं ।
सेमवाल ने उम्मीद जताई कि सरकार मामले का संज्ञान लेकर शीघ्र समाधान कर बच्चों को उनके शिक्षा के अधिकार को बहाल करेगी। ऐसा न होने पर उन्होने आदोलन छेड़ने की चेतावनी दी है।