हिन्दी साहित्य भारती (अंतरराष्ट्रीय) उत्तराखण्ड प्रदेश गढ़वाल मंडल की चिंतन संगोष्ठी सम्पन्न
उठो जागो और अपने लक्ष्य को प्राप्त करो –पूर्व शिक्षा मंत्री (उ. प्र.) डॉ. रविन्द्र शुक्ल
लोकेंद्र जोशी की रिपोर्ट।
नई टिहरी/घनसाली 22 जुलाई। हिन्दी साहित्य भारती (अंतरराष्ट्रीय) उत्तराखण्ड प्रदेश की विचार गोष्ठी 21 जुलाई को होटल चंद्रा पैलेस, ढालवाला, ऋषिकेश में सम्पन्न हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. कविता भट्ट ‘शैलपुत्री’, प्रदेश अध्यक्षा हिन्दी साहित्य भारती (अंतरराष्ट्रीय) उत्तराखण्ड ने की। इस अवसर पर उत्तराखण्ड का प्रसिद्ध मांगल गीत प्रस्तुत किया गया, जो कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा।
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. रविन्द्र शुक्ल द्वारा दीप प्रज्वलित कर की गई। श्रीमती सविता रतूड़ी ने सरस्वती वंदना और स्वागत गीत का गायन किया। इसके बाद, राधा मैंदोली ने मातृ वंदना प्रस्तुत की, और महिला कलाकारों ने उत्तराखण्ड का प्रसिद्ध मांगल गीत प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया।
मुख्य अतिथि का संबोधन
मुख्य अतिथि डॉ. रविन्द्र शुक्ल ने अपने संबोधन में हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के महत्व पर जोर दिया और सभी से इसमें सहयोग की अपेक्षा की। उन्होंने अपने स्तर से पूर्ण प्रयास करने का आश्वासन दिया और आने वाली पीढ़ी को सनातन धर्म और हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार हेतु प्रेरित किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “हमें उठना चाहिए, जागना चाहिए, और अपने लक्ष्य को प्राप्त करना चाहिए।”
विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथियों में प्रो. रामविनय सिंह, संयुक्त महामंत्री हिन्दी साहित्य भारती, घनश्याम नौटियाल, डॉ. प्रदीप भारद्वाज, गजेंद्र कण्डियाल, बेलीराम कन्सवाल (हिंदी साहित्य भारती प्रदेश संयुक्त मंत्री), और कृष्णा नन्द नौटियाल शामिल थे।
प्रदेश अध्यक्षा का स्वागत भाषण
डाॅ. कविता भट्ट ‘शैलपुत्री’ ने समस्त अतिथियों का स्वागत एवं आभार प्रकट किया और उक्त कार्यक्रमों में राष्ट्रीय अध्यक्ष को तन, मन, धन से पूर्ण सहयोग करने का संकल्प किया। इस अवसर पर हिंदी साहित्य भारती अंतरराष्ट्रीय उत्तराखंड के समस्त जनपदों के जिलाध्यक्ष, मंत्री एवं कार्यकारिणी के पदाधिकारी भी उपस्थित थे।
अन्य प्रमुख उपस्थितगण
राजेश जोशी (अध्यक्ष उत्तरकाशी), भगत सिंह राणा (अध्यक्ष चमोली), नंदन सिंह राणा, सरोज बाला सेमवाल, रामकृष्ण पोखरियाल, सतेन्द्र चौहान, यशोदा मैठाणी, विजयलक्ष्मी डबराल (अध्यक्षा टिहरी), मीना तिवाड़ी, भरत लाल बडोनी, नन्दी बहुगुणा, इंद्रमणि बडोनी कला एवं साहित्यिक मंच घनसाली के कुलदीप फोंदणी, मनोज रमोला, और अनूप सरीरा भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन
कार्यक्रम का संचालन आचार्य सन्तोष चंद्र व्यास, जिलाध्यक्ष देहरादून, ने किया। अंत में सभी अतिथियों एवं सदस्यों को सम्मान पत्र देकर कार्यक्रम का समापन किया गया।
इस गोष्ठी ने हिन्दी साहित्य के प्रचार-प्रसार और सनातन धर्म के महत्व को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।