MIT वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी ने सैटेलाइट रिसेप्शन और रेडियो एस्ट्रोनॉमी के लिए अत्याधुनिक ग्राउंड स्टेशन की स्थापना की
देहरादून 11सितंबर 2024। MIT वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी (MIT-WPU) ने पुणे में अपने परिसर में सैटेलाइट रिसेप्शन और रेडियो एस्ट्रोनॉमी के लिए एक अत्याधुनिक ग्राउंड स्टेशन की स्थापना की है, जो उपग्रह संचार (डाउनलिंक) और अंतरिक्ष अवलोकन के जटिल कार्यों को एक साथ संभालने की क्षमता रखता है। इस स्टेशन का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कार्यकारी अध्यक्ष श्री राहुल कराड ने किया। यह परियोजना MIT-WPU की नैनो-सैटेलाइट पहल का हिस्सा है।
उपकुलपति प्रो. डॉ. मिलिंद पांडे ने इसे उपग्रह संचार और रेडियो एस्ट्रोनॉमी के क्षेत्र में एक नई पद्धति का प्रतीक बताया। स्टेशन उपग्रहों से सिग्नल प्राप्त करने के साथ-साथ खगोलीय पिंडों से उत्सर्जित रेडियो तरंगों का अध्ययन करने में सक्षम है। इससे रेडियो एस्ट्रोनॉमी के क्षेत्र में शोध और उपग्रह संचार क्षमता में सुधार के लिए बहुमूल्य डेटा उपलब्ध होगा, जिसका उपयोग जलवायु विज्ञान, आपदा प्रबंधन, और अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए किया जाएगा।
ग्राउंड स्टेशन में छह एंटीना लगे हैं जो लो अर्थ ऑर्बिट (LEO), मीडियम अर्थ ऑर्बिट (MEO), हाई एलिप्टिकल ऑर्बिट (HEO), और जियोस्टेशनरी अर्थ ऑर्बिट (GEO) में उपग्रहों से सिग्नल प्राप्त कर सकते हैं। इसमें विशेष प्रकार के एंटीना और डिश भी लगे हैं, जो उच्च आवृत्ति वाले संकेतों को रेडियो एस्ट्रोनॉमी के अध्ययन के लिए उपयोगी डेटा में बदलते हैं, जिससे ब्रह्मांड के गहन अध्ययन और आकाशगंगा मानचित्रण, डार्क मैटर और अन्य खगोलीय घटनाओं का अध्ययन संभव हो पाता है।
कॉसमॉस क्लब के छात्रों ने इस परियोजना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और वे NOAA और मेटियोर सैटेलाइट्स से मौसम संबंधी डेटा प्राप्त कर रहे हैं। इसके साथ ही छात्र HAM लाइसेंस प्राप्त कर सैटेलाइट्स पर डेटा अपलोड करने की तैयारी भी कर रहे हैं।
35 छात्रों और 4 प्राध्यापकों की टीम इस परियोजना पर काम कर रही है, जिसमें डॉ. अनूप काले, प्रो. अनघा करने, डॉ. देवव्रत सिंह और डॉ. सचिन कुलकर्णी प्रमुख रूप से शामिल हैं। यह परियोजना छात्रों को सैद्धांतिक ज्ञान को व्यावहारिक अनुभव में बदलने का एक अनूठा अवसर प्रदान करती है।