“हिमवंत कवि चन्द्रकुँवर बर्त्वाल की साहित्यिक विरासत” विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी

टिहरी गढ़वाल। कवि चन्द्रकुँवर बर्त्वाल की जयंती पर बुधवार, 20 अगस्त 2025 को हे.न.ब. गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय, चौरास कैंपस के हिंदी विभाग द्वारा एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन गढ़वाल विश्वविद्यालय के एक्टिविटी सेंटर चौरास में किया गया।
विशिष्ट अतिथि प्रो. मोहन पंवार ने कहा कि गढ़वाल विश्वविद्यालय में कवि चन्द्रकुँवर बर्त्वाल की शोध पीठ स्थापित की जाएगी। मुख्य वक्ता प्रो. नवीन चंद्र लोहानी (कुलपति, उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय) ने कहा कि बर्त्वाल राष्ट्रीय चेतना और प्रकृति के सशक्त कवि हैं, उनकी कविताओं को बड़े स्तर पर पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाना चाहिए।
पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. मृदुला जुगरान ने उन्हें प्रेम-पीड़ा और मृत्यु-बोध का कवि बताया। शोध संस्थान देहरादून के सचिव श्री गौरव सिंह बर्त्वाल ने अप्रकाशित साहित्य के प्रकाशन की जानकारी दी, वहीं अगस्त्यमुनि के शोध संस्थान के अध्यक्ष श्री हरीश गुसाईं ने कविताओं को विद्यालयों के पाठ्यक्रम में शामिल करने की बात कही।
कार्यक्रम का संयोजन प्रो. गुड्डी बिष्ट पंवार ने किया। इस अवसर पर मनु पंवार, अनुसूया प्रसाद मलासी, दीपक बेंजवाल, डॉ. मानवेन्द्र बर्त्वाल, डॉ. सृजना राणा, डॉ. शशिबाला, डॉ. सविता मैठाणी, डॉ. गौरीश नंदिनी काला, डॉ. आकाशदीप, रेशमा पंवार, शुभम थपलियाल समेत कई शिक्षक और शोधार्थी उपस्थित रहे।