राष्ट्र जागरण का महामंत्र है ‘वन्दे मातरम’: डॉ. धन सिंह रावत

कोलकाता में आयोजित विशेष कार्यक्रम में बोले शिक्षा मंत्री: राष्ट्रगीत के रचयिता बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय को किया नमन
कोलकाता/देहरादून, 7 नवम्बर। राष्ट्रगीत ‘वन्दे मातरम्’ के 150 वर्ष पूर्ण होने के ऐतिहासिक अवसर पर राज्य के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने केन्द्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजमुदार के साथ कोलकाता स्थित सल्ट लेक के पीएम-श्री केन्द्रीय विद्यालय में आयोजित स्मरणोत्सव कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर डॉ. रावत ने कहा कि ‘वन्दे मातरम्’ केवल एक गीत नहीं, बल्कि राष्ट्र जागरण का महामंत्र है, जिसने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में जन-जन के हृदय में देशप्रेम की ज्योति प्रज्वलित की। उन्होंने कहा कि जिस पवित्र भूमि पर इस अमर गीत की रचना हुई, वहाँ आकर स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ। राष्ट्रगीत के रचयिता बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय को नमन करते हुए उन्होंने कहा कि ‘वन्दे मातरम्’ भारतीय संस्कृति, अस्मिता और राष्ट्रीय एकता का शाश्वत प्रतीक है।
डॉ. रावत ने कहा कि यह गीत भारत के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का परिचायक रहा है। बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित उपन्यास आनंदमठ में संकलित यह गीत ‘संन्यासी विद्रोह’ की प्रेरणा बना और बाद में स्वतंत्रता आंदोलन को ऊर्जा प्रदान करने वाला मंत्र साबित हुआ। यही गीत भारत की आजादी के यज्ञ में आहुति देने की प्रेरणा बना और देश ने उसकी ज्योति से स्वाधीनता का सवेरा देखा।कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्रगीत के 150 वर्ष पूर्ण होने पर देशवासियों के नाम भेजे गए संदेश का लाइव प्रसारण भी दिखाया गया।
इसके उपरांत डॉ. रावत ने डॉ. सुकांत मजमुदार के साथ विद्यालय के छात्र-छात्राओं और शिक्षकों से संवाद किया। उन्होंने शिक्षा व्यवस्था की जानकारी ली तथा विद्यार्थियों से उनके अध्ययन, आकांक्षाओं और विद्यालय की सुविधाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की।डॉ. रावत ने छात्रों से कहा कि वे सदैव ‘वन्दे मातरम्’ की भावना से प्रेरित रहकर देश और समाज की सेवा में योगदान दें।



