सीएम को हर की पैड़ी में बम ब्लास्ट करने की धमकी देने वाला गिरफ्तार
सीएम को हर की पैड़ी में बम ब्लास्ट करने की धमकी देने वाला गिरफ्तार
युवक ने पुलिस को को बताया कि आधार कार्ड न बनने पर दी धमकी
11 नवंबर * हरिद्वार
मुख्यमंत्री उत्तराखंड को फ़ोन कर हर की पैड़ी में बम ब्लास्ट करने की धमकी देने वाले युवक को हरिद्वार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। युवक ने पुलिस को बताया कि उसका आधार कार्ड नहीं बन पा रहा था और उसके पास कोई स्थाई पत्ता नहीं हैं। इस कारण उसे काफी दिक्कत हो रही है और कोई काम भी नहीं मिल रहा था। इसलिए परेशान होकर उसने धमकी देने का कदम उठाया।
आपको बता दे कि 17 फरवरी 2016 में भी युवक ने श्रीनगर थाने में फोन कर मुख्यमंत्री जी को नुकसान पहुंचाने कि धमकी थी। पुलिस के अनुसार युवक ने बताया कि वह वर्ष 2016 में आधारकार्ड बनाने के सिलसिले में पौड़ी में मुख्यमंत्री के जनता दरबार में गया था और उचित कार्यवाही ना होने पर उसने थाने में फोन कर धमकी दी थी. उसकी धमकी देने की बात पर पुलिस द्वारा उसे लुधियाना से गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया था।
करीब 1 साल जेल की सजा भगतने पर बाहर आने के बाद इलाहाबाद चला गया सूचना के अनुसार कोई पहचान पत्र न होने के कारण उसे कोई स्थाई काम नहीं मिल पा रहा था और वह मजदूरी कर परेशान था। हाल ही में 1 सप्ताह पहले हरिद्वार आ गया। इस बात से काफी व्यथित होने पर उसने मुख्यमंत्री उत्तराखंड के मोबाइल नंबर जानकारी ले कर 9 नवंबर को हर की पैड़ी में बम ब्लास्ट करने वाली दे डाली।
पुलिस ने बताया कि वह पारिवारिक तथा व्यक्तिगत परिस्थितियों से व्यथित प्रतीत होता है, इसलिए उसकी काउंसलिंग किए जाने की जरूरत भी है। उसे धारा 41 का नोटिस दिया गया है और अभियुक्त की समस्याओं के संबंध में यथोचित कार्यवाही करने के प्रयास किए जाएंगे। अभियुक्त का नाम केसवानंद पुत्र विद्या दत्त है वह मूल रूप से अंताखोली तहसील चाकीसैण पट्टी कंडारस्यू जिला पौड़ी गढ़वाल का निवासी है। वह विवाहित है और उसके पत्नी से 3 बच्चे भी हैं, लेकिन लगभग 2 साल से वह परिवार से भी संपर्क में नहीं है।
व्यक्ति द्वारा जब मुख्यमंत्री के प्रोटोकॉल अफसर को फोन कर धमकी दी गयी तो पुलिस हरकत में आई और उसकी लोकेशन ट्रेस करके उसे बिल्केश्वर मंदिर के गेट के पास से पकड़ लिया।
अभियुक्त ने जिस तरह से “आधार नंबर मेरा अधिकार” जैसे मूल पहचान न बनने पर समस्या लेकर पिछले कार्यकाल वाले मुख्यमंत्री के जनता दरबार में पहुंचा और फिर भी संभवतया समाधान न होने पर व्यथित होकर मुख्यमंत्री को नुक्सान पचुचाने की धमकी देने पर गिरफ़्तार होकर एक साल की सजा काटी। एक साल की सजा के दौरान भी “आधार नंबर मेरा अधिकार” न मिल पाने पर स्थाई पता और रोजगार न मिलने पर पुनः वर्तमान मुख्यमंत्री के मोबाइल नंबर का पता कर फोन पर धमकी देने से समझा जा सकता है कि व्यक्ति सिस्टम की कमी या कार्यशैली से तो परेशान है और ऐसा करने को विवश है। अब देखना यह है कि “उसका अधिकार आधार नंबर” कब तक मिलता है?
इस तरह आम के बजाये खास को धमकी देने के गुनाह पर पुलिस द्वारा अविलंब अभियुक्त को पकड़ लिया गया; यह बात पुलिस विभाग की काबिलियत का प्रमाण देती है, साथ ही समझ में आता है की यदि पुलिस विभाग आम और ख़ास दोनों के लिए मन और लगन से काम करे तो कोई भी गुनहगार समाज में बच नहीं सकता!