वरिष्ठ नागरिकों के जीवन एवं सम्पत्ति की सुरक्षा करेगी उत्तराखण्ड पुलिस: अशोक कुमार
गढ़ निनाद न्यूज़ * 2 मई 2020
देहरादून/नई टिहरी। श्री अशोक कुमार, महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड ने समस्त जनपद प्रभारियों को वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा एवं उनके अधिकारों को संरक्षित किये जाने हेतु निर्देशित किया है।
उन्होंने कहा है कि बुढ़ापे में वरिष्ठ नागरिकों को सहारे की अधिक जरूरत होती है। प्रायः देखा जाता है कि सम्पत्ति हस्तान्तरित हो जाने के बाद सम्बन्धित परिजन या संबंधियों की ओर से वरिष्ठ नागरिकों की अनदेखी की जाती है। जबकि जिस व्यक्ति को सम्पत्ति हस्तांतरित हुई है उसका दायित्व है कि वह वरिष्ठ नागरिकों की मूलभूत सुविधाओं और आवश्यकताओं का पूरा ध्यान रखें।
केन्द्रीय अधिनियम “वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण अधिनियम, 2007” की धारा 23(1) के अनुसार वरिष्ठ नागरिकों की मूलभूत सुविधाओं और आवश्यकताओं का पूरा ध्यान न रखने पर सम्बन्धित परिजन या संबंधियों को हस्तान्तरित सम्पत्ति का मालिकाना हक वरिष्ठ नागरिकों को वापस हो सकता है।
Section 23(1) of The Maintenance and Welfare of Parents and Senior Citizens Act, 2007- “Where any senior citizen who, after the commencement of this Act has transferred by way of gift or otherwise, his property, subject to the condition that the transfree shall provide the basic amenities and basic physical needs to the transferor and such transferee refuse or fails to provide such amenities and physical needs, the said transfer of Property shall be deemed to have been made by fraud or coercion or under undue influence and shall at the option of the transferor be declared void by the Tribunal.”
साथ ही यदि वरिष्ठ नागरिकों के बच्चों या सम्पत्ति हस्तान्तरण किये गये व्यक्ति द्वारा वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण नहीं किया जाता है अथवा उनके साथ क्रूरतापूर्वक व्यवहार करता है, तो सम्बन्धित के विरूद्ध केन्द्रीय अधिनियम “वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण अधिनियम, 2007” की धारा 24 के प्रावधानों के साथ ही भारतीय दण्ड संहिता की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत भी कठोर कार्यवाही की जा सकती है।
अशोक कुमार ने आम जन से अपील करते हुए कहा है कि वरिष्ठ नागरिकों की सेवा समर्पण भाव सके करें, सम्पत्ति के लिए नहीं।