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पूर्णिमा को लगेगा चंद्रग्रहण, पितरों का पूर्णिमा श्राद्ध कब होगा?👇

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नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज का बड़ा बयान

देहरादून। इस साल पितृपक्ष की शुरुआत विशेष संयोग के साथ हो रही है। एक ही पितृपक्ष में दो-दो ग्रहण पड़ रहे हैं। पहला 7 सितंबर को भाद्रपद मास की पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण और दूसरा आश्विन मास की अमावस्या पर सूर्यग्रहण। ग्रहण का पितृपक्ष में पड़ना लोगों के मन में कई शंकाएँ पैदा कर रहा है कि पितरों का श्राद्ध कब किया जाए।

👉 क्या होगा पितरों का पूर्णिमा श्राद्ध?

नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज ने स्पष्ट किया है कि –

  • पूर्णिमा तिथि का श्राद्ध 7 सितंबर (रविवार) को ही होगा।
  • सूतक काल दोपहर 12:57 बजे से लग जाएगा, इसलिए तर्पण सूतक से पहले किया जाना चाहिए
  • ग्रहणकाल में किए गए दान-पुण्य का फल कई गुना बढ़ जाता है, अतः श्राद्ध और ग्रहण के बाद दान करना विशेष फलदायी होगा।
  • प्रतिपदा का श्राद्ध 8 सितंबर को किया जाएगा।

🌑 चंद्रग्रहण का समय

  • आरंभ : रात 9:45 बजे
  • मध्य : रात 11:41 बजे
  • मोक्ष (समाप्ति) : रात 1:27 बजे

🔮 ज्योतिषीय असर – देश और समाज पर

  • पर्वतीय इलाकों में भूस्खलन की संभावना
  • कुछ क्षेत्रों में अकाल जैसी परिस्थितियों का संकेत
  • राजनीतिक अस्थिरता और हलचल की आशंका

♒ कुंभ राशि पर प्रभाव

  • आर्थिक लाभ और तरक्की के योग
  • नौकरीपेशा लोगों को पदोन्नति व सम्मान
  • व्यापार में लाभ के अवसर
  • प्रतिष्ठा और सम्मान में वृद्धि

🌠 पूर्व भाद्रपद नक्षत्र वालों पर प्रभाव

  • करियर में तरक्की और विदेश जाने के अवसर
  • भाग्य का साथ मिलेगा
  • स्वास्थ्य पर ध्यान देना ज़रूरी
  • विवादों से बचें, मानसिक शांति बनी रहेगी

⚠️ ग्रहण के दौरान रखें सावधानियां

  • भोजन न बनाएं, न खाएं
  • भगवान की मूर्तियों को न छुएं
  • सोने से परहेज करें
  • गर्भवती महिलाएं घर से बाहर न निकलें
  • नुकीले उपकरणों का प्रयोग न करें

✅ ग्रहण में करें ये शुभ कार्य

  • भगवान के मंत्रों का जाप
  • ध्यान और साधना
  • ज़रूरतमंदों को दान
  • भोजन व जल में तुलसी पत्तों का प्रयोग
  • ग्रहण समाप्ति पर स्नान और देवदर्शन

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Govind Pundir

*** संक्षिप्त परिचय / बायोडाटा *** नाम: गोविन्द सिंह पुण्डीर संपादक: गढ़ निनाद न्यूज़ पोर्टल टिहरी। उत्तराखंड शासन से मान्यता प्राप्त वरिष्ठ पत्रकार। पत्रकारिता अनुभव: सन 1978 से सतत सक्रिय पत्रकारिता। विशेषता: जनसमस्याओं, सामाजिक सरोकारों, संस्कृति एवं विकास संबंधी मुद्दों पर गहन लेखन और रिपोर्टिंग। योगदान: चार दशकों से अधिक समय से प्रिंट व सोशल मीडिया में निरंतर लेखन एवं संपादन वर्तमान कार्य: गढ़ निनाद न्यूज़ पोर्टल के माध्यम से डिजिटल पत्रकारिता को नई दिशा प्रदान करना।

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