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विरासत: “अपना उत्तराखंड-अपनी संस्कृति” श्रृंखलाबद्ध ऑनलाइन ज्ञान प्रतियोगिता का समापन

विरासत: “अपना उत्तराखंड-अपनी संस्कृति” श्रृंखलाबद्ध ऑनलाइन ज्ञान प्रतियोगिता का समापन
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गढ़ निनाद समाचार * 12 अगस्त 2020

कोटद्वार: राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोटद्वार (गढ़वाल) द्वारा “एक भारत श्रेष्ठ भारत क्लब” के तत्वावधान में ‘विरासत: अपना उत्तराखंड- अपनी संस्कृति’ विषय पर एक श्रृंखलाबद्ध ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन 19 जुलाई, 2020 से 8 अगस्त 2020 तक किया गया। इस प्रतियोगिता की श्रृंखला को 3 सप्ताह तक अलग-अलग विधाओं में बांटा गया, जिसमें प्रथम सप्ताह हेतु “त्यौहार तथा वेशभूषा”, द्वितीय सप्ताह – “लोक नृत्य तथा लोक कला” और तृतीय सप्ताह में “लोकगीत और खानपान विधा” का चयन किया गयाI

क्लब के समन्वयक डॉ० महन्थ मौर्य ने बताया कि पिछले दो सप्ताह की तरह इस सप्ताह भी उत्तराखंड के कई महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के छात्र छात्राओं ने इसमें प्रतिभाग किया। इस सप्ताह खानपान (व्यंजन) प्रतियोगिता में शिवानी नेगी बीए ६ सेमेस्टर राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय जयहरीखाल और विशाल चंद्र फुलारा एमए संगीत 3 सेमेस्टर, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रानीखेत ने संयुक्त रूप से प्रथम, पंकज बेलवाल बीए २ सेमेस्टर, यूओयू विशाल चंद्र भट्ट एमए अंग्रेजी 3 सेमेस्टर, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रानीखेत ने संयुक्त रूप से द्वितीय, और आंचल भंडारी एमएससी जंतु विज्ञान 4 सेमेस्टर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

लोकगीत प्रतियोगिता में अंजली भट्ट बीए 4 सेमेस्टर, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ऋषिकेश ने प्रथम, निकिता बीए तृतीय वर्ष राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रायपुर, देहरादून ने द्वितीय तथा आंचल सकलानी बीए 2 सेमेस्टर राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ऋषिकेश और संतोषी अधिकारी बीए 3 सेमेस्टर,राजकीय महाविद्यालय लोहाघाट ने संयुक्त रूप से तृतीय स्थान प्राप्त किया।

प्रतियोगिता की संयोजक डॉ० सीमा चौधरी ने कहा देश की विविधता में एकता को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय की योजना “देखो अपना देश” के अंतर्गत “एक भारत श्रेष्ठ भारत क्लब” के माध्यम से छात्र-छात्राओं में उत्तराखंड की संस्कृति के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के लिए इस प्रकार के कार्यक्रमों का बहुत महत्व है। क्लब के संयोजक तथा आयोजन सचिव डॉ० संजीव कुमार ने बताया कि आगे भी क्लब के माध्यम से इसी प्रकार की अन्य प्रतियोगिताएं राज्य और अंतरराज्य स्तर आयोजित की जाएंगी I

महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो0 जानकी पंवार ने कहा आज हमारा युवा वर्ग पाश्चात्य संस्कृति की तरफ भाग रहा है, जिसके दुष्परिणाम देखने को मिल रहे हैं। कोविड-19 की इस महामारी में जहां अमेरिका जैसे विकसित देश में अपार जन धन की हानि हो रही है। वहीं भारत की संस्कृति, आयुर्वेद, योग, खानपान आदि प्राचीन व्यवस्थाओं के कारण हम इस कोविड-19 से लड़ने में सक्षम रहे हैं। इसलिए आवश्यकता है कि आज का युवा वर्ग अपनी संस्कृति से जुड़ा रहे। उन्होंने कहा कि विरासत – “अपना उत्तराखंड अपनी संस्कृति” कार्यक्रम में उत्तराखंड के राजकीय महाविद्यालयों के साथ-साथ कई विश्वविद्यालयों के छात्र छात्राओं ने भी प्रतिभाग किया, जो यह दर्शाता है कि आज का युवा वर्ग भी अपनी संस्कृति के साथ जुड़ा हुआ है।

प्राचार्या पंवार ने प्रतिभागी छात्र-छात्राओं आयोजन समिति तथा निर्णायक मंडल के सदस्यों डॉ० सुनीता नेगी, डॉ० शोभा रावत, डॉ० मुकुल कुमार और क्लब के सदस्यों डॉ० प्रीति रानी, डॉ० अमित जायसवाल, डॉ0 लता कैड़ा, डॉ0 विनोद सिंह, डॉ० किशोर चौहान, डॉ० तनु मित्तल को इस सफल आयोजन के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं दी।


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