उत्तराखंड वनाधिकार कांग्रेस और सहयोगी संगठन 18 सितम्बर को पानी और बिजली के बिलों की जलायेगी होली
गढ़ निनाद न्यूज़* 15 सितम्बर 2020
नई टिहरी। उत्तराखंड वनाधिकार कांग्रेस और सहयोगी संगठन 18 सितम्बर को पानी और बिजली के बिलों की होली जलायेंगे। यह निर्णय आसन विधान सभा सत्र में मा. विधायकों को उनका कर्तव्य पुन: स्मरण हेतु उठाया गया है।
ज्ञातव्य हो कि उत्तराखंड वनाधिकार कांग्रेस गत कई वर्षों से उत्तराखंडियों को जल, जंगल और ज़मीं पर पुश्तैनी हक़-हक़ूक़ों और अधिकारों प्रदान करने हेतु अभियानरत है।
उत्तराखंड वनाधिकार कांग्रेस के प्रणेता एवं पूर्व पीसीसी चीफ किशोर उपाध्याय ने मांग की है कि उत्तराखंडियों को Forest Dwellers (अरण्यजन) मानते हुये उनके पुश्तैनी वनाधिकार और हक़ हक़ूक़ बहाल किये जाँय। उनको प्रतिमाह एक गैस सिलेंडर, बिजली और पानी निशुल्क दिया जाय। जड़ी-बूटियों पर स्थानीय समुदाय का अधिकार हो। शिक्षा व स्वास्थ्य सेवायें निशुल्क हों। एक यूनिट आवास बनाने हेतु लकड़ी, बजरी व पत्थर निशुल्क दिया जाय। जंगली जानवरों द्वारा जन हानि पर 25 लाख रू. क्षतिपूर्ति व परिवार के एक सदस्य को पक्की सरकारी नौकरी दी जाय व फसल के नुक़सान पर प्रति नाली रु 5000/- क्षतिपूर्ति दी जाय।
उन्होंने कहा कि पूर्व में वनाधिकार कांग्रेस राज्य के विधायकों और सांसदों से दलगत राजनीति से उठकर उत्तराखंडियों को न्याय प्रदान करने का आग्रह और आह्वान कर चुकी है।