महाविद्यालय नैखरी में ‘मातृ भाषा का महत्व’ विषय पर भाषण और निबन्ध प्रतियोगिता का आयोजन
गढ़ निनाद समाचार * 22 फरवरी 2021
नई टिहरी। राजकीय महाविद्यालय चन्द्रबदनी नैखरी में काॅलेज प्राचार्या श्रीमती पुष्पा उनियाल और कार्यक्रम संयोजक डाॅ प्रताप सिंह बिष्ट की उपस्थिति में अन्तरराष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें छात्र-छात्राओं ने ‘मातृ भाषा का महत्व‘ विषय पर भाषण और निबन्ध प्रतियोगिता के अलावा समूहगान में प्रतिभाग किया।
समूह गान में कु0 वन्दना एवं सोनिका ने प्रथम व प्रीति उपाध्याय, साक्षी व नीलम ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। भाषण में मनीषा ने प्रथम व सरिता ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया तथा निबन्ध प्रतियोगिता में सोनिका पंवार ने प्रथम व विवेक सिंह रावत ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया।
प्रतियोगिता में डाॅ आशुतोष जंगवाण, डाॅ देवेन्द्र सिंह रावत और डाॅ अंकिता बोरा ने निर्णायक की भूमिका निभायी।
Speech and Essay competition organized on the topic 'Importance of Mother Tongue' in the Govt. Degree College, Nakhri (Tehri Garhwal) pic.twitter.com/qK5Y2SbxOT
— Garh Ninad (@GarhNinad) February 22, 2021
इस मौके पर मातृभाषा का महत्व बताते हुए महाविद्यालय के शिक्षकों ने अपनी अपनी मातृभाषा में बच्चों को संबोधित किया। डाॅ0 आशुतोष जंगवाण ने छात्र-छात्राओं को गढ़वाली में संबोधित करते हुए कहा कि हमें सभी मातृभाषाओं के प्रति सम्मान का भाव रखना चाहिए और अन्य भाषाओं को सीखने की जिज्ञासा रखनी चाहिए। डाॅ रिचा गहलोत ने कहा कि मातृ भाषा आत्मीयता को स्थापित करने में सबसे सुगम है। डाॅ0 शाकिर शाह ने कहा कि यदि मातृभाषा हमारी जड़ है तो अन्य भाषायें शाखायें हैं। हम जितनी अधिक भाषाओं को सीखेगें, उतना ही अधिक हमारा विकास होगा। डाॅ0 आशुतोष मिश्रा ने अपनी मातृभाषा भोजपुरी में छात्र-छात्राओं को संबोधित किया। उन्होंने बच्चों को प्रेरणा देते हुए कहा कि सभी को अपनी मातृभाषा से प्रेम होना चाहिए और उसका संरक्षण करना चाहिए।
डाॅ0 गुरू प्रसाद थपलियाल ने कहा कि शिक्षा के लिए हमें चाहे हिन्दी और अंग्रेजी में निर्भर होना पड़ता हो लेकिन हमें घर में आगे की पीढ़ी को भी अपनी मातृ भाषा का ज्ञान देना चाहिए जिससे की मातृभाषा का संरक्षण हो सके। कार्यक्रम के संयोजक प्रताप सिंह बिष्ट ने समाज में मूल्यों को जोड़ते हुए अन्तरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं मातृभाषा का महत्व बताया।
कार्यक्रम के अन्त में प्राचार्या श्रीमती पुष्पा उनियाल ने मातृभाषा का महत्व बताया और यूनेस्को के प्रयासों की सराहना की। साथ ही उन्होंने कहा कि मातृभाषा हृदय से जुड़ी हुई भाषा है और जब हम भावनाओं को अनुभव करतें हैं तो उसे मातृभाषा में ही व्यक्त किया जाता है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को आगामी कार्यक्रम में पुरस्कृत करने की घोषणा की।
कार्यक्रम में डाॅ0 विनोद कुमार रावत, डाॅ0 अनूपा फोनिया, डाॅ0 नरेश लाल, श्री केदार नाथ भट्ट, श्री पूर्ण सिंह रावत, श्री पवन उमरियाल आदि उपस्थित थे।