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इंजीनियरिंग करने के लिए इंटरमीडिएट में गणित, भौतिक और रसायन विषय जरूरी नहीं, पढ़िए पूरी खबर

इंजीनियरिंग करने के लिए इंटरमीडिएट में गणित, भौतिक और रसायन विषय जरूरी नहीं, पढ़िए पूरी खबर
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एआईसीटीई का बड़ा फैसला: इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए गणित, भौतिक और रसायन विषय जरूरी नहीं

 अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए बारहवीं कक्षा में गणित, भौतिक और रसायन विज्ञान विषय की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। एआईसीटीई ने इंजीनियरिंग के अध्ययन के लिए अपने नियमों में संशोधन करते हुए बारहवीं कक्षा में गणित, भौतिक विज्ञान और रसायन विज्ञान विषय की पढ़ाई की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है। यह निर्णय “विविध पृष्ठभूमि” से इंजीनियरिंग के अध्ययन के लिए आने वाले छात्रों को राहत देने के लिए लिया गया है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत एलिजिबिलिटी क्राइटीरिया में फ्लेक्सिबिलिटी लाने के लिए ये फैसला किया गया है. नए नियमों के अनुसार, मेडिसीन और कॉमर्स के स्टूडेंट्स के लिए भी B.tech करने के रास्ते खोल दिए हैं.

नई दिल्ली: ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) ने इंजीनियरिंग (Engineering) करने वाले स्टूडेंट्स के लिए बड़ा ऐलान किया है. इसके अनुसार, अब 12वीं क्लास में मैथ्स (Maths) और फीजिक्स (Physics) की पढ़ाई किए बिना भी स्टूडेंट्स B.Tech में एडमिशन ले सकेंगे. यह व्यवस्था नए अकादमिक ईयर (2021-22) से शुरू होगी.

इस साल से लागे होंगे ये नियम

नए नियम के अनुसार, B.Tech में एडमिशन के लिए छात्रों को 12वीं में कम से कम 45 प्रतिशत मार्क्स की जरूरत होगी. इसके साथ ही 14 सब्जेक्ट्स की लिस्ट में से किन्ही 3 सब्जेक्ट्स में पास होना जरूरी होगा. इन 14 सब्जेक्ट्स में मैथ्स, फीजिक्स, केमिस्ट्री, कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी, बायोलॉजी, इनफॉर्मेटिक्स प्रैक्टिस, बायोटेक्नोलॉजी, टेक्निकल बिजनेस सब्जेक्ट, इंजीनियरिंग ग्राफिक्स, बिजनेस स्टडीज, आंत्रप्रेन्योरशिप शामिल हैं. इन विषयों में किसी तीन में 45 फीसदी नंबर लाने होंगे. इसके साथ ही रिजर्व कैटेगरी के छात्रों को कम से कम 40 नंबर लाने होंगे. 

कॉमर्स के स्टूडेंट्स भी ले सकेंगे दाखिला

AICTE ने यूनिवर्सिटीज से कहा है कि अलग-अलग बैकग्राउंड से आने वाले स्टूडेंट्स को मैथ्स, फीजिक्स, इंजीनियरिंग ड्रॉईंग का ब्रिज कोर्स कराया जाए. ताकि वे बीई, बीटेक प्रोग्राम की जरूरत के अनुसार योग्यता हासिल कर सकें. इसके अलावा इंजीनियरिंग में 3 साल का डिप्लोमा करने वालों को भी B.Tech में लैटरल एंट्री एडमिशन मिल सकेगा. ऐसे में अगर लैटरल वैकेंसी खत्म हो जाएगी, तो फर्स्ट ईयर में खाली सीटों के आधार पर एडमिशन मिल सकेगा.


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