उत्तराखंड राज्य आंदोलन, भुलाये गये नींव के पत्थर-13
विक्रम बिष्ट
गढ़ निनाद समाचार* 7 मार्च 2021।
*उत्तराखंड पत्रकार परिषद*
2 मई 1993 को दिल्ली में उत्तराखंड पत्रकार परिषद का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन हुआ था। वरिष्ठ पत्रकार मृणाल पांडे मुख्य वक्ता थी। उत्तराखंड में पत्रकारिता के साथ हिमालयी क्षेत्र को लेकर चर्चा हुई थी। इसलिए केंद्र सरकार में हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने वाले केंद्रीय संचार मंत्री सुखराम खास तौर पर बुलाए गए थे।
परिषद ने उत्तराखंड में पत्रकारिता सहित आंदोलनों के पक्ष में प्रस्ताव पारित किए थे। वक्ताओं का मानना था कि केंद्र सरकार और योजना आयोग की नीतियां हिमालय के अनुकूल नहीं है। सम्मेलन में हिमालय टाइम्स के संपादक द्वारिका प्रसाद उनियाल ने केंद्र में हिमालय सुरक्षा एवं प्राधिकरण संस्थान गठन करने का प्रस्ताव रखा था। जिसे कुछ संशोधनों के साथ पारित कर केंद्र को भेजने का निर्णय लिया गया था।
बेशक यह सम्मेलन सीधे-सीधे उत्तराखंड आंदोलन के कार्यक्रम का हिस्सा नहीं था। लेकिन मकसद पृथक राज्य निर्माण के लिए वैचारिक धरातल को पुख्ता करना था । इससे जुड़े पत्रकारों में कई 1994 से पहले से राज्य आंदोलन में सक्रिय रहे थे। इनमें राजीव लोचन शाह, अवतार नेगी प्रमुख नाम हैं। टिहरी से पूर्व विधायक एवं पत्रकार गोविंद प्रसाद गैरोला, गोविंद पुंडीर, रविन्द्र कलसी आदि इस सम्मेलन में शामिल हुए थे।