नृसिंह वाटिका आश्रम में मनाई भगवान नरसिंह चतुर्दशी , भागवत भूषण डॉ कैलाश घिल्डियाल ने दिए वर्चुअल प्रवचन
हरिद्वार, 25 मई 2021। गनिस। खांड गांव नम्बर एक रायवाला हरिद्वार उत्तराखंड में मंगलवार को भगवान नरसिंह चतुर्दशी धूमधाम से मनाई गई। नृसिंह वाटिका आश्रम के परमाध्यक्ष नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज के सान्निध्य में व्यवस्थापक साध्वी देवेश्वरी माता जी के साथ श्रद्धालुओं ने सुबह भगवान लक्ष्मीनारायण एवं भगवान नरसिंह की पूजा-अर्चना की।
अखण्ड रामायण भोग पर प्रवचनों में भागवत भूषण डॉ कैलाश आचार्य ने कहा कि भगवान नरसिंह श्री हरि विष्णु के उग्र और शक्तिशाली अवतार माने जाते हैं। अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए भगवान विष्णु ने पांचवां नरसिंह अवतार लिया। इनका प्राकट्य खंभे से गोधूलि वेला के समय हुआ था। इनकी उपासना करने से हर प्रकार के संकट और दुर्घटना से रक्षा होती है और शत्रु शांत होते हैं। भगवान विष्णु ने नरसिंह का अवतार लेकर भक्त प्रह्लाद के पिता हिरण्यकश्यप का अपने जांघों पर लिटाकर नाखूनों से संहार किया, क्योंकि हिरण्यकश्यप ने ब्रह्मा जी से वरदान लिया था कि वह किसी देवता, मनुष्य अथवा पशु-पक्षी से न मारा जाए।
न दिन में न रात में और न ही किसी अस्त्र-शस्त्र से। इस अवसर पर रामायण के आचार्य महेंद्र कृष्ण शास्त्री , राजेन्द्र कुकरेती, सुरेश कुकसाल, अनिल पन्त , रोशनी देवी , रजनी चंदोला, भगवती देवी , माला देवी , सुमति देवी , रमेश विष्ट , माहेश्वरी , रमा देवी , सुनीता घिल्डियाल सहित अन्य भक्तजन शामिल रहे।