अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों को नियमानुसार आरक्षण दिया जाए- रामशरण नौटियाल
देहरादून। देहरादून के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राम शरण नौटियाल ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा जारी विज्ञप्ति में राजस्व उपनिरीक्षक एवं लेखपालों के पदों पर अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों को निमयानुसार आरक्षण न दिए जाने पर नाराजगी जाहिर की है।
उन्होंने मुख्यमंत्री से मंगलवार देर रात जौनसार- बाबर के बेरोजगारों के भविष्य को लेकर चिंता जताई। उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलकर इस मामले में आवश्यक दिशा निर्देश जारी करने की मांग की है। श्री नौटियाल ने कहा है कि हाल ही में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा जारी विज्ञप्ति में राजस्व उपनिरीक्षकों व लेखपाल के पदों में अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों की अनदेखी हुई है।
उन्होंने कहा कि विज्ञप्ति में राजस्व उपनिरीक्षक (पटवारी) के 366 पदों के सापेक्ष 6 व लेखपाल के 147 पदों के सापेक्ष केवल 4 पदों को ही विज्ञापन में प्रकाशित किया गया है। जबकि प्रदेश में अनुसूचित जनजाति हेतु सरकारी नौकरी में 4 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है। इसके हिसाब से राजस्व उपनिरीक्षक के 15 व लेखपाल के 6 पद सृजित होना आवश्यक है। कुल 21 पदों के सापेक्ष मात्र 10 पद आरक्षित किया जाना न्यायसंगत नही है।
मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद नौटियाल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने मामले में जांच का आश्वासन दिया है। नौटियाल ने कहा कि अगर इस विज्ञप्ति में संसोधन नहीं किया जाता है तो यह जौनसार-बावर समेत प्रदेश के अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों के साथ धोखा है।