डीएलआरसी की बैठक में अनुपस्थित बैंक प्रतिनिधियों का स्पष्टीकरण तलब
चमोली। मुख्य विकास अधिकारी वरूण चैधरी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय पुनर्निरीक्षण समिति की बैठक विकास भवन सभागार में संपन्न हुई। जिसमें वित्तीय वर्ष के 31 मार्च तिमाही तक विभिन्न बैंक ऋण योजनाओं की समीक्षा की गई और लंबित ऋण आवेदनों के त्वरित निस्तारण पर जोर दिया गया।
मुख्य विकास अधिकारी ने सभी बैकर्स को निर्देश दिए कि जिले में सभी किसानों को क्रेडिट कार्ड से आच्छादित किया जाए और केसीसी बनाने के लिए बैकर्स को जो लक्ष्य दिया गया है उसे हर हाल में पूरा करें। ताकि केसीसी से किसान अपनी खेती के लिए बीज, खाद, उपकरण एवं अन्य जरूरतों को पूरा करने में उपयोग कर सके। प्राथमिक सेक्टर में बैकर्स को फसली व सावधि ऋण आवंटन बढाने के भी निर्देश दिए गए।
मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि एक माह के भीतर भी यदि ऋण लेने वाला स्वयं सहायता समूह नही आता है तो तत्काल विभाग से संपर्क करें। उन्होंने समाज कल्याण विभाग को सभी खातों को सीबीएस में परिवर्तित कराने के निर्देश दिए। वही पोखरी मे एटीएम स्थापित करने को कहा।
डीएलआरसी की महत्वपूर्ण बैठक में इंडियन बैंक, इंडस्ट्रीयल बैंक तथा बैक आॅफ बाडोदा से कोई भी प्रतिनिधि उपस्थित न रहने पर संबधित बैंको का स्पष्टीकरण तलब किया गया।
एलडीएम ने अवगत कराया कि जनपद का सीडी रेश्यों मार्च 2021 तिमाही में 27.40 प्रतिशत रहा। आरबीआई के मानक 40 प्रतिशत ऋण जमा अनुपात के सापेक्ष मार्च तक 18 बैंकों में से मात्र तीन बैकों का ही सीडी रेश्यों 40 प्रतिशत से अधिक रहा। जिले के प्रमुख बैंकों में से पीएनबी बैंक का ऋण जमा अनुपात मात्र 13.15 प्रतिशत रहा। जिससे पूरे जनपद का सीडी रेश्यों प्रभावित हुआ।
सीडीओ ने समीक्षा के दौरान बैंकों में लंबित आवेदनों का त्वरित निस्तारण करने के निर्देश दिए गए। पीएनबी द्वारा 7 स्वयं सहायता समूहों के ऋण आवदेन निरस्त किए जाने के मामले में मुख्य विकास अधिकारी ने सभी निरस्त आवेदनों की रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश भी बैंक को दिए। साथ ही सभी बैकर्स को हिदायत दी गई कि बिना किसी ठोस कारण के कोई भी ऋण आवेदन निरस्त ना करें।
बैठक में एलडीएम प्रताप सिंह राणा, डीडीएम नाबार्ड अभिनव कापडी, परियोजना निदेशक प्रकाश रावत, डीडीओ सुमन बिष्ट सहित बैंकों के शाखा प्रबंधक एवं विभागीय अधिकारी मौजूद थे।