सावन के पहले सोमवार को शिवालयों में भक्तों ने किया भोले का जलाभिषेक
नई टिहरी। पहाड़ी इलाकों में सावन का आज पहला सोमवार है, जबकि मैदानी इलाकों में 26 जुलाई को पहला पहला सोमवार पड़ेगा। कल से ही शिवालयों में जलाभिषेक और पूजा अर्चना की तैयारिया शुरू हो गई थीं। आज सुबह से ही शिवालयों में कोविड नियमों का पालन करते हुए भक्तगण मास्क लगाकर पूजा अर्चना कर रहे हैं।
टिहरी जिला मुख्यालय स्थित सत्येश्वर महादेव मंदिर में भारी बारिश के बावजूद सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली। जिले के देवलसारी महादेव, कोटेश्वर महादेव, बूढ़ाकेदार, कुंजेश्वर समेत तमाम शिव मंदिरों में सुबह से ही शिव भक्तों ने पूजा अर्चना कर भगवान शिव को जल, बिल्वपत्र और दूध- दही का अभिषेक किया।
कहते हैं सावन माह में की गई शिव उपासना बहुत ही फलदायी होती है और इसका फल बहुत जल्दी मिलता है।
सावन में सोमवार व्रत को करने से पहले जान लें इसका महत्व और विधि-
सावन महीने का महत्व
हिन्दू धर्म में सावन के महीने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि भगवान शिव की आराधना के लिए सावन मास सर्वश्रेष्ठ होता है। सावन में सोमवार के दिन व्रत रखकर भगवान शिव की उपासना को विशेष फलदायी माना जाता है। सावन मास में ही कावड़ यात्रा का आयोजन भी होता है। वैसे तो पूरा श्रावण मास ही भगवान भोलेनाथ की पूजा के लिए अत्यंत शुभ है लेकिन श्रावण मास में पड़ने वाले सोमवार को अत्यंत मंगलकारी माना गया है।
सावन के सोमवार में भगवान शिव का अभिषेक नवग्रहों का दोष दूर करता है। सावन मास में सोमवार की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है कि सावन के सोमवार में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से अत्यंत शुभ फल प्राप्त होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
मैदानी इलाकों में 26 को पहला सोमवार
पहला सावन सोमवार व्रत- 26 जुलाई 2021
दूसरा सावन सोमवार व्रत- 2 अगस्त 2021
तीसरा सावन सोमवार व्रत- 9 अगस्त 2021
चौथा सावन सोमवार व्रत-16 अगस्त 2021
व्रत करने के विधि
सोमवार के दिन प्रातःकाल उठकर सबसे पहले पानी में काला तिल मिलाकर स्नान करें। इसके बाद पवित्र मन से भगवान शिव का स्मरण करते हुए सोमवार व्रत का संकल्प लें। फिर शिवलिंग की सफेद फूल, सफेद चंदन, पंचामृत, चावल, सुपारी, बेल पत्र, आदि से पूजा करें। पूजा के दौरान “ॐ सों सोमाय नमः:” का मंत्र लगातार जपते रहें। शिव के मंत्र का जप हमेशा रुद्राक्ष की माला से करें।
कब करें सोमवार व्रत का उद्यापन
सोमवार के व्रत का उद्यापन श्रावण, वैशाख, कार्तिक, चैत्र एवं मार्गशीर्ष आदि महीनों में ही करना चाहिए। श्रावण के सोमवार में नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। हालांकि यह नियम बीमार व्यक्तियों पर नहीं लागू होता है।