सतगुरु की शरण में होता है जीवन का निर्माण : नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज
चंडीगढ। नृसिंह भक्ति संस्थान चण्डीगढ़ के सैक्टर 40 स्थित नृसिंह कुटिया में मासिक सत्संग समागम का आयोजन किया गया। इसमें मंच पर उपस्थित संस्थान के प्रचारकों द्वारा भजन संकीर्तन एवं सद्विचारों का प्रवाह प्रस्तुत किया गया। सत्संग में प्रवचन करते स्वामी रसिक महाराज ने कहा कि जन्म से लेकर मृत्यु तक जीवन-यात्रा के लंबे सफर में हर व्यक्ति किसी न किसी वस्तु और सांसारिक प्राणियों के कर्ज तले दबा रहता है। उदाहरण के तौर पर जैसे देखें कि सर्वप्रथम जन्म से वह माता का ऋणी है जिसने उसे इस संसार में जन्म दिया।
उन्होंने ने कहा कि सतगुरु की शरण में पहुंचकर ज्ञान से वास्तविक जीवन का निर्माण होता है। वहां सतगुरु अपनी कृपा का हाथ शिष्य के सिर पर रखकर उसे जन्म-जन्मांतर के बंधनों से मुक्त करता है। साथ ही जन्म-मरण के दुखों की अग्नि बुझ जाती है जिससे साधक के जीवन में परम शांति, परम सुख और परमानंद के अनमोल मोती बिखर जाते हैं जो उसके जीवन को संवार कर उसे सुसज्जित करते हैं। परमार्थ की भावना से परिपूर्ण हो जब स्वतंत्र महापुरुषों का आगमन इस लौकिक जगत में होता है, तब वह मानव को बाह्म नश्वर जगत से उसके भीतर के अनंत में प्रकाशित आत्मिक जगत की ओर ले जाते हैं। समागम में घने कोहरे के बावजूद बड़ी संख्या में भक्त श्रद्धालु उपस्थित हुए।
इस अवसर पर विशेष रूप से चण्डीगढ़ नगर निगम के मेयर एवं भाजपा नेता रविकान्त शर्मा एवं उनके साथ आए भाजपा नेताओं ने मासिक सत्संग कार्यक्रम में पहुॅचकर नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज का आशीर्वाद लिया।कार्यक्रम में साध्वी माँ देवेश्वरी, अव्वल सिंह विष्ट, समाजसेवी सुभाष शर्मा, बलवन्त रावत, केशव सजवाण, पुष्पा देवी, संजीव ग्रोवर एवं बड़ी संख्या में भक्तजन उपस्थित रहे।