14 अगस्त संस्कृत दिवस पर विशेष
” संस्कृत महिमा “
-डाॅ .सुरेन्द्र दत्त सेमल्टी
बह रही संस्कृत की सरिता ,
ज्ञान जल मे डुबकी लगायें ।
भरा उसमें ज्ञान जो सारा ,
उसको हम सब अपनायें ।।
देवों को भी सबसे प्रिय है ,
यह जो है संस्कृत बाणी ।
इसकी महिमा विश्व है गाता ,
अपनायें सब मानवप्राणी ।।
वेद-उपनिषद-पुराण सभी ,
संस्कृत से भरे पड़े हैं ।
जो इस महिमा को जानते ,
वे विश्व मे सबसे बड़े हैं ।।
अज्ञानता उपेक्षा के कारण,
इसे पहचान नहीं सब पाये ।
खुली आँख तब थोड़ी-थोड़ी ,
जब बाहर से पढ़ने को आये ।।
ज्योतिष कर्मकाण्ड रहस्य ,
संस्कृत भाषा मे है समाया ।
हम तो अज्ञानी अल्पबुद्धि के ,
देवों ने भी इसका यश गाया ।।