श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद ने निजी महाविद्यालयों पर लिये कठोर फैसले
481 छात्रों के परीक्षा परिणाम घोषित करने का किया अनुमोदन
नई टिहरी। आज मंगलवार को श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय की 6वीं कार्य परिषद की आपात बैठक डा0 पी0पी0 ध्यानी, कुलपति एवं अध्यक्ष,कार्य परिषद की अध्यक्षता में ऑनलाइन आयोजित की गयी।
कार्य परिषद में कई कठोर फैसले लिए गए। जिनमें, 481 छात्रों को 08 निजी महाविद्यालयों द्वारा स्वीकृत सीटों से अधिक पर विभिन्न विषयों में प्रवेश दिये गये, जो कि संबद्धता नियमों के विरुद्ध और संबद्धता नियमों का पूर्ण रूप से उल्लंघन था। इस सम्पूर्ण प्रकरण में छात्रों का कोई दोष नहीं था। अतः छात्र हित में कार्य परिषद ने 481 छात्रों के परीक्षा परिणाम घोषित करने का अनुमोदन किया है।
वहीं दोषी पाये गये 8 निजी महाविद्यालयों/ संस्थानों (चमन लाल महाविद्यालय लंढौरा हरिद्वार, हरिओम सरस्वती डिग्री कॉलेज धनौरी, हरिद्वार, रूबराज इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज, हरिद्वार, स्वामी विवेकानंद कॉलेज ऑफ एजुकेशन, रुड़की, अपेक्स इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एण्ड टेक्नोलॉजी, रुड़की, भारतीय महाविद्यालय, रुड़की, सेन्ट्रल इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट एण्ड टेक्नोलॉजी, रुड़की और डी0डी0 कालेज, निम्बुवाला, देहरादून) ने सत्र 2019-20 में विभिन्न विषयों में स्वीकृत सीटों से अधिक सीटों पर प्रवेश किये थे। संबद्धता नियमों का उल्लंघन करने पर कार्य परिषद ने कठोर निर्णय लिये और अनुमोदन किया गया कि –
-जिन विषयों में सत्र 2019-20 में स्वीकृत सीटों से अधिक सीटों पर प्रवेश निजी महाविद्यालयों/ संस्थानों द्वारा किये गये, उनको सत्र 2021-22 में घटाया जायेगा और अवशेष सीटों पर ही निजी महाविद्यालयों द्वारा छात्र/ छात्राओं को प्रवेशित किया जायेगा। जिन विषयों में कुल स्वीकृत सीटों के सापेक्ष ज्यादा सीटों पर प्रवेश हुआ था, उन विषयों की अतिरिक्त सीटों को 2 सत्रों 2021-22 एंव 2022-23 में विभाजित कर छात्र-छात्राओं को प्रवेशित किया जायेगा।
-निजी महाविद्यालयों/ संस्थानों पर प्रति अतिरिक्त सीटों पर छात्र-छात्राओं से लिये गये शुल्क, जिसकी संरचना विश्वविद्यालय से पूर्व में ही स्वीकृत है, का 30 प्रतिशत प्रशमन शुल्क आरोपित किया जाए। इस प्रशमन शुल्क को निजी महाविद्यालयों द्वारा विश्वविद्यालय राजकोष में जमा करना होगा और यह प्रशमन शुल्क निजी महाविद्यालय छात्र छात्राओं से वसूल नहीं करेंगे। इस आशय का शपथ पत्र महाविद्यालय/ संस्थान द्वारा विश्वविद्यालय प्रशासन को दिया जायेगा।
– दोषी पाए गए 8 निजी महाविद्यालयों/संस्थानों को प्रदत्त सम्बद्धता को सत्र 2022-23 से आंशिक या पूर्ण रूप से समाप्त किये जाने हेतु मा0 कुलाधिपति महोदया को कार्य परिषद द्वारा संस्तुति की गयी। मा0 कुलाधिपति का जो भी निर्णय होगा, वह अंतिम माना जायेगा।
कुलपति डा0 ध्यानी ने अवगत कराया कि अब विश्वविद्यालय में कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों आदि जिन्होने विश्वविद्यालय के अन्दर और निजी संस्थानों से मिलीभगत कर विश्वविद्यालय में अतिरिक्त सीटों पर परीक्षाएं करायी पर कठोर कार्यवाही होगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की शैक्षिक परिषद की 9वीं बैठक 05 जून, 2020, जो उनकी अध्यक्षता में आयोजित हुयी थी, में निर्णय लिया गया था कि विश्वविद्यालय द्वारा निजी महाविद्यालयों/संस्थानों में स्वीकृत सीटों से ज्यादा सीटों पर परीक्षायें आयोजित नहीं की जायेगी। किन्तु इसके बावजूद भी सितम्बर-अक्टूबर 2020 में विश्वविद्यालय के कुछ अधिकारियों/कर्मचारियों ने निजी महाविद्यालयों/संस्थानों आदि से, मिलीभगत कर परीक्षाएं करवा दी, जिससे विश्वविद्यालय की छवि धूमिल हुई है।
इस प्रकरण पर विश्वविद्यालय और शासन द्वारा जांच प्रक्रिया गतिमान है। जांच के बाद इन कर्मचारियों व अधिकारियों पर कठोर कार्यवाही की जायेगी।
कुलपति ने यह भी अवगत कराया कि उनके द्वारा पूर्व में तत्कालीन कुलसचिव पर कठोर कार्यवाही की गयी थी। उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय में उपकुलसचिव, सहायक परीक्षा नियंत्रक और सहायक कुलसचिव द्वारा, बिना कार्य परिषद की स्वीकृति के पूर्व में विश्वविद्यालय से हजारों रुपये परीक्षा पारिश्रमिक के रूप में लिया गया। पिछली कार्यपरिषद में लिये गये निर्णय के अनुसार अब इन अधिकारियों से भी वसूली की जाएगी।
बैठक में कार्य परिषद के सभी 15 सम्मानित सदस्य उपस्थित रहे। जिनमें कुलाधिपति नामित सदस्य मा0 न्यायमूर्ति (से0नि0) श्री बी0एस0 वर्मा, एयर कामोडोर (से0नि0) श्री देवेन्द्र शर्मा, डा0 कौशलेन्द्र सिंह भदौरिया, डा0 गजेन्द्र सिंह, डा0 आर0के0 गुप्ता, प्राचार्य, परिसर गोपेश्वर, प्रो0 संदीप कुमार, प्राचार्य, विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश के संकायाध्यक्ष, प्रो0 सुषमा गुप्ता, डा0 दीपक भट्ट, भूगर्भ विभाग, डी0बी0एस0पी0जी0 कालेज, देहरादून, प्रो0 जी0के0ढींगरा, विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश इत्यादि द्वारा प्रतिभाग किया गया।
बैठक का संचालन कार्य परिषद के सचिव प्रो0 एम0एस0 रावत, प्रभारी कुलसचिव द्वारा किया गया।