टिहरी बांध परिक्षेत्र में मॉक ड्रिल कर किया क्षमता का आकलन
नई टिहरी। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं सब-डिविजन टिहरी, टीएचडीसी एवं एनडीआरएफ के संयुक्त तत्वाधान में टिहरी बांध परिक्षेत्र में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। मॉक ड्रिल में ग्लेशियर टूटने से उत्पन्न बाढ़ एवं बांध क्षेत्र के प्रभावित, क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में तत्काल राहत-बचाव कार्य क्षमता का आकलन किया गया। इस हेतु 03 टास्क बनाये गये, जिसके सापेक्ष खोज एवं राहत बचाव कार्य किया गया।
प्रातः 10 बजे जिला आपातकालीन परिचालन केन्द्र में 01 कॉलर द्वारा सूचना दी गयी कि विगत रात्रि से निरन्तर हो रही वर्षात के कारण उत्तरकाशी क्षेत्र में ग्लेशियर टूट गये है, जिनका पानी टिहरी झील की ओर आ रहा है तथा बालगंगा / घनसाली क्षेत्र में भी अत्यधिक वर्षात से कतिपय स्थलों पर बादल फटने अतिवृष्टि की घटना घटित हुई है। वर्तमान में बांध झील का जलस्तर 829-70 मीटर है। किन्तु ऊपरी क्षेत्रों में हुई अत्यधिक वर्षा ग्लेशियर टूटने, बादल फटने की घटनाओं के कारण टिहरी बांध झील का जल स्तर निर्धारित सीमा से अधिक हो गया है। झील के जलस्तर में अत्यधिक वृद्धि के कारण बांध क्षेत्र में व्यू प्वाइंट में कार्यालय भवन क्षतिग्रस्त हो गया है, जिसमें टीएचडीसी एवं सीआईएसएफ के लगभग 30 कार्मिकों दबे होने की संभावना है। इसके अतिरिक्त म्यूजियम सेंटर क्षतिग्रस्त हो गया है तथा सेंटर में आगजनी की घटना भी हो गयी है। इसमें लगभग 10 कार्मिकों के फंसे होने की संभावना है। प्राप्त सूचनानुसार झील का जल स्तर बढ़ने के कारण कोटी कालोनी में बोटिंग प्वाइंट पर लगभग 7 व्यक्ति बह गये है।
जिला आपातकालीन परिचालन केन्द्र आपदा प्रबन्धन टिहरी गढ़वाल द्वारा उक्त घटना की सूचना जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, उपजिलाधिकारी टिहरी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग जल पुलिस अग्निशमन विभाग सहित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र को दी गई।।
सूचना मिलते ही सब-डिविजन टिहरी की आई आरएस टीम एवं समस्त संबंधित विभाग स्टेजिंग एरिया व्यू प्वाइंट में अपने-अपने संसाधनों यथा एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड, जेसीबी, वाटर टैंकर, ट्रक मानव व मशीन संसाधनों सहित उपस्थित हुए।
इसीडेंट कमाण्डर / उपजिलाधिकारी टिहरी अपूर्वा सिंह द्वारा घटनास्थल पर पहुंचकर टास्क फोर्स के माध्यम से तत्काल राहत एवं बचाव कार्य करवाया गया। व्यू प्वाइंट पर टास्क फोर्स-1 द्वारा कंक्रीट कटर एवं आयरन कटर की सहायता से क्षतिग्रस्त भवन में जाकर खोज-बचाव कार्य करते हुए 17 घायलों एवं 06 मृतकों के शवों को निकाला गया। घायलों को प्राथमिक उपचार के उपरान्त टीएचडीसी भागीरथीपुरम की एम्बुलेंस से टीएचडीसी चिकित्सालय भागीरथीपुरम पहुंचाया गया।
टास्क फोर्स-2 फायर ब्रिगेड नई टिहरी, सीआईएसएफ, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ द्वारा क्षतिग्रस्त म्यूजियम में हुई आगजनी पर नियंत्रण करते हुए खोज-बचाव कार्य किया गया। उक्त घटना में 7 घायलों को व 02 मृतक शवो को निकाला गया। घायलों को स्वास्थ्य विभाग की एम्बुलेंस से टीएचडीसी चिकित्सालय भागीरथीपुरम पहुंचाया गया। इंसीडेंट कमाण्डर / उपजिलाधिकारी टिहरी द्वारा टास्क फोर्स-3 को बोटिंग प्वाइंट पर टिहरी बांध झील में बह गये लोगों के खोज-बचाव कार्य हेतु भेजा गया। टिहरी बांध झील में जल पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ द्वारा झील में बह गये व्यक्तियों में से 5 का सकुशल राहत बचाव कार्य किया गया तथा 02 शवों को निकाला गया।
मॉक ड्रिल के पश्चात इंसीडेंट कमाण्डर / उपजिलाधिकारी टिहरी द्वारा बोटिंग प्याईट के समीप समस्त सब-डिविजन टिहरी की आईआरएस टीम, एसडीआरएफ. एनडीआरएफ, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग, जल पुलिस अग्निशमन विभाग सहित सभी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि मॉकड्रिल से वास्तविक घटना/ दैवीय आपदा घटनाओं के दौरान राहत बचाव एवं प्रतिवादन कार्यवाही में अत्यधिक सुधार होता है। मॉक ड्रिल के दौरान हमें अपने उत्तरदायित्वों के निर्वहन में कुशलता प्राप्त करने का अवसर प्राप्त होता है, जिससे वास्तविक घटनाओं के दौरान हम तत्काल राहत एवं बचाव कार्य कर अधिक से अधिक जीवन रक्षा कर पाते हैं।
इस दौरान मॉक ड्रिल में एजीएम टीएचडीसी संदीप अग्रवाल, एनडीआरएफ के डिप्टी कमाण्डेट भूपेन्द्र सिंह इस्पेक्टर जीडी दीपू सिंह, तहसीलदार आशीष घिल्डियाल, एआरटीओ एनके ओझा, साहसिक खेल अधिकारी सोबत सिंह राणा पर्यटन अधिकारी सुरेश यादव, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका टिहरी राजेन्द्र सजवाण, जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी बृजेश भट्ट, सहायक कोषाधिकारी देवेन्द्र सिंह चौहान सहित वन विभाग, सिचाई खण्ड, स्वास्थ्य, लोनिवि पीएमजीएसवाई पुनर्वास, दूरसंचार पूर्ति विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी भी मौजूद थे।