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योगासन व आयुर्वेद से विभिन्न बीमारियों का उपचार सम्भव

योगासन व आयुर्वेद से विभिन्न बीमारियों का उपचार सम्भव
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जगत सागर बिष्ट- योग जीवन जीने का आधार है। प्राचीन भारत में योग व आयुर्वेद से मानव ने सर्दियों तक निरोगी रह कर जीवन यापन किया लम्बे समय तक दीर्घायु रहने का अनुभव किया, लम्बे काल खण्ड में विभिन महान ऋषियों, मुनियों ने त्याग, तप, यज्ञा, योग व आयुर्वेद के लिए बड़े – बड़े कार्य किये जिसका विस्तार से वर्णन प्रचीन ग्रंथों व विभिन पुराणों में मिलता है । यहां तक की भारत में जन्म लेने वाला हर मानव को आज भी ऋषि संतान के रूप में जाना जाता है ।

भारत की संस्कृति व सभ्यता में योग व आयुर्वेद का समावेश देखने को आज भी मिलता है। गीता के उपदेश में श्री कृष्ण ने अर्जुन को कहा था कि मनुष्य को निरोगी व दीर्घायु रहना है तो उसे योगकर्म करना आवश्यक है । प्राचीन काल में भी योग व आयुर्वेद में विभिन योगीयों ने अनुभव व बीमारियों के अनुसार परिर्वतन किये है और आधुनिक भारत में भी योगा व आयुर्वेद में भी विभिन रिचर्स संथानों में अनुसंधान चल रहा है जिसके अनोखे प्रणाम सामने आने लगे है। भारत सरकार भी योग व आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। पिछले तीन दशकों से बाबा राम देव ने सामान्य व आसाध्या बीमारियों का उपचार किया है, पंताजलि योग पीठ ने तो विश्व की पहली योग व आयुर्वेद अनुसंधान लैव बनायी है जिसमें पांच सौ से अधिक वैज्ञानिक विभिंन बीमारियों के उपचार के लिए आयुर्वेदिक दवाओं का निर्माण कर रहे है। योग व आयुर्वेद से देश- विदेश से उपचार पाने के लिए हजारों मरिज पंताजलि हरिद्वार पहुंच रहे हैं। पंताजली के साथ देश के अन्य प्रदेशों में भी विभिन संथानों के उपचार से बीमारियों से पिडित व असाधय रोगों से बिमार मुक्त हो रहे है। नियमित योगासन करने से मानव शरीर रोग मुक्त हो जाता है। स्वस्थ शरीर को बिमारियां नहीं धेरती है। कुछ समय पहले योग व आयुर्वेद को ऐलोपैथी शंक की नजर से देखते थे। लेकिन नये रिर्चस के बाद अंग्रेजी दवा लिखने व बेचने वालो की सोच पर भी बदलाव आने लगे है । ऐम्स व पंताजलि के वैज्ञानिक ने क्लिनिकल प्रमाण के आधार पर उपाचार करना शुरु कर दिया है । जिसके प्रमाण आने शुरू हो गये है । क्लिनिकल प्रमाण के आधार पर योगासन और क्रियाए बीमारियों का निदान कर सकती हैं एम्स के डायरेक्टर डॉ० रणदीप गुलेरिया ने बताया कि योग को लम्बे वक्त तक क्लिनिक में परखा कर देगा गया तो उनके फायदे को जाना गया है डाँ० गुलेरिया ने बताया कि कई बीमारियों पर रिसर्च की गई, जिसमें योग का असर साफ दिखता है। योग से विभिन बीमारियों पर हो रही रिसर्च की टीम का हिस्सा खुद एम्स के डायरेक्टर डॉ० गुलेरिया है । उन्होंने दावें के साथ बताया कि क्लिनिक में किये गए टेस्ट बताते है कि अगर अस्थमा के रोगी 10 दिनो तक सुझाए गये सही योगासन कर ले तो उन्हें बार बार सांस फूलने की दिक्कत में आराम मिल सकता है । सी ओ पी डी की समस्या से ग्रसित लोगों को भी योगासन करवाया जाए तो एक सप्ताह में इनहेलर की जरुरत कम पड़ती है और बाहर से लगाई जाने वाली आंक्सीजन में भी कमी आती है । योग करने से मरीज रोजमर्रा की परेशानियों से बचा रहता है। मानव शरीर को सुबह सूर्याउदय से पहले उठना आवश्यक है, उसके बाद सुबह चलने के साथ एक घंटे का योगासन व प्राणायम करना चाहिऐं सुबह की चाय का त्याग कर बीस मिनट बाद एक टमाटर, एक खीरा, एक करेला व लोकी का मिक्स जूस पीना चाहिऐं ऐसा करने से बीमार शरीर को रहत व स्वस्थ शरीर बीमारीयों से मुक्त रहेगा ।


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Govind Pundir

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