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महाविद्यालय कोटद्वार में “सतत विकास व पर्यावरण शिक्षा से जैव विविधता संरक्षण” पर अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित

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कार्यक्रम में देश-विदेश के 1000 प्रतिभागियों ने सहभागिता की

गढ़ निनाद समाचार * 29 जुलाई 2020

कोटद्वार: डॅा० पी० द० ब० ही० राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोटद्वार में आज “सतत विकास के लिए पर्यावरण शिक्षा के माध्यम से जैव विविधता संरक्षण” विषय पर अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित किया गया। जिसमें देश-विदेश के विषय विशेषज्ञों द्वारा विचार व्यक्त किये गए।

कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो० जानकी पंवार द्वारा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय उच्च शिक्षा मंत्री डॉ० धन सिंह रावत जी के स्वागत द्वारा किया गया। महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो० जानकी पंवार ने अपने स्वागत संदेश के द्वारा माननीय उच्च शिक्षा मंत्री डॉ० धन सिंह रावत, उत्तराखंड सरकार, डॉ० बी० एस० बिष्ट जी उपाध्यक्ष उच्च शिक्षा विकास बोर्ड, उत्तराखंड सरकार, डॉ० कुमकुम रौतेला, निदेशक, उच्च शिक्षा विभाग, उत्तराखंड सरकार, प्रो० एम०एस०एम० रावत सलाहकार रूसा, उत्तराखंड शासन, डॉ० साकेत बडोला, आई ए एस, हेड ट्रैफिक इंडिया, मिस्टर एरोल करकन वाणिज्यिक निदेशक, के०आई०सी०एस० हैमबर्ग जर्मनी, प्रो० कोमला सांदा कुलपति, कारा विश्वविद्यालय टोगो अफ्रीका, प्रो० ए० के० डोबरियाल एक्स० विभाग प्रभारीजानती जंतुविज्ञान, एच० एन० बी० गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय, श्रीनगर, डॉ० धीरज पांडेय, आई० एफ० एस०, हुघेस हॉल, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय, इंग्लैंड, प्रो० ए० के० सक्सेना, रीटायर्ड विभाग प्रभारी जंतुविज्ञान, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रामपुर, डॉ० राकेश भुटियानी जंतु विज्ञान और पर्यावरण विज्ञान विभाग, गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार, डॉ० आर० के० गुप्ता सी०ए०एस०बी० विज्ञान संस्थान, बीएचयू, वाराणसी, डॉ० रमेश कुमार चौहान परीक्षा नियंत्रक श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय नई टिहरी, उत्तराखंड बोर्ड के समस्त सम्मानित सदस्य, संयोजक अंतरराष्ट्रीय वेबीनार, डॉ० स्मिता बडोला, एसोसिएट प्रोफेसर एवं विभाग प्रभारी जंतु विज्ञान विभाग, आयोजन सचिव अंतरराष्ट्रीय वेबीनार, डॉ० स्वाति नेगी, एसोसिएट प्रोफेसर बी०एड० विभाग, डॉ० तनु मित्तल, मीडिया प्रभारी एवं महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक और छात्र छात्राओं का स्वागत किया।

प्राचार्या ने कहा की जैव विविधता संरक्षण हेतु सतत् विकास आज की मांग है। सतत् विकास एक ऐसा विकास जिसमें वर्तमान की आवश्यकताओं की पूर्ति हो सके तथा आने वाली पीढ़ियां भी अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति कर सके।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ0 धन सिंह रावत माननीय उच्च शिक्षा मंत्री जी ने अपने संबोधन में बताया कि जैव विविधता के क्षेत्र में हमारा राज्य मॉडल प्रदेश है। चिपको आंदोलन में राज्य की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। साथ ही साथ देवभूमि होने के नाते पर्यावरण से हम सभी का निकट का संबंध है। डॉ0 रावत ने प्रदेश के सभी महाविद्यालयों में 4-जी सेवाओं को शीघ्र लागू करने के संबंध में भी बताया।

कार्यक्रम का संचालन डॉ० स्वाति नेगी ने किया और उन्होंने राजा भरत की जन्मस्थली जिनके नाम पर हमारे देश का नाम भारत पड़ा ऐसे प्राचीनतम नगर कोटद्वार में आयोजित इस सेमिनार में आपने सभी बुद्धिजीवियों का स्वागत किया।

उच्च शिक्षा निदेशक डॉ० कुमकुम रौतेला ने भी माननीय उच्च शिक्षा मंत्री जी का स्वागत करते हुए जैव विविधता संरक्षण के संबध में अपने विचार रखे। डॉ० रौतेला ने ऊर्जा के गैर परम्परागत स्रोतों को अपनाने और पर्यावरण बचाने पर विशेष बल दिया। डॉ० बी० एस० बिष्ट ने अपने विचारो के माध्यम से बताया कि जहां प्राण है वहां परमात्मा मौजूद है, इसलिए हमें किसी को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए।

डॉ० साकेत बडोला ने अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस की प्रासंगिकता को वर्तमान के संदर्भ में अवगत कराया और बताया कि बाघ संरक्षण वर्तमान में ज्वलंत मुद्दा है। इसके आलावा डॉ० एम०एस० एम० रावत ने भी जैव विविधता संरक्षण की जरूरत से अवगत कराया। डॉ०राकेश भूटानी ने जल संरक्षण और उसके महत्व को विस्तार से बताया।

डॉ० एरोल करकन ने यूरोपीय देशों की जैव विविधता से हमें क्या सिख मिली है? विषय पर विस्तार से चर्चा की। प्रो० कॉमला संदा ने रासायनिक कीटनाशकों और उनके दुष्परिणामों के विषय में जानकारी दी। इसी क्रम में डॉ० लेंकोंडिया कोलानी, डॉ० आर० के० गुप्ता और अन्य बुद्धिजीवियों ने अपने विचारो को रखा।

अंत में अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार की संयोजक डॉ० स्मिता बडोला द्वारा अंतरराष्ट्रीय वेबिनार कि सफलता पर धन्यवाद ज्ञापन में माननीय उच्च शिक्षा मंत्री डॉ० धन सिंह रावत जी का हार्दिक आभार व्यक्त किया, अपने धन्यवाद ज्ञापन में अंतरराष्ट्रीय वेबीनार में मौजूद सभी विद्वजनों, सभी प्रतिभागियों का हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित किया। आपने बताया कि कार्यक्रम में देश विदेश के 1000 प्रतिभागियों ने सहभागिता की। आपने बताया कि आज हमारे महाविद्यालय के लिए यह बड़ा गर्व का विषय है कि विश्व स्तरीय वक्ताओं के विचारों को सुनने के लिए विदेशों के साथ-साथ देश के हर प्रदेश और हर कोने से प्रतिभागी हमारे बीच उपस्थित हुए।

मीडिया प्रभारी डॉ० तनु मित्तल ने बताया कि फीडबैक फॉर्म सभी को प्रेषित किए जाएंगे जिसके भरने के उपरांत सभी प्रतिभागियों को ई-सर्टिफिकेट उपलब्ध कराए जाएंगे। साथ ही साथ आपने बताया कि सभी प्रतिभागियों के शोध प्रपत्र आमंत्रित किए गए हैं, जिनको ईएसबीएन नंबर वाली पुस्तक में प्रकाशित किया जाएगा।

इस अवसर पर महाविद्यालय के वरिष्ठतम प्राध्यापक डॉ० डी एम शर्मा, अंतरराष्ट्रीय वेबीनार समिति के सभी सम्मानित सदस्य डॉ० सुरमान आर्य, डॉ० प्रीति रानी, डॉ० सुषमा थलेडी, डॉ० योगिता मौजूद रहे।


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