बड़ी खबर: एम.एम. नरवणे बने भारत के नए सीडीएस

नई दिल्ली। सीडीएस जनरल बिपिन रावत के तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलिकॉप्टर हादसे में मौत के बाद रिक्त सीडीएस पद पर मनोज मुकुंद नरवणे को नया सीडीएस बना दिया गया है।
केंद्र सरकार द्वारा तत्काल निर्णय लेते हुए जनरल मनोज मुकुंद नरवणे को नए सीडीएस की जिम्मेदारी दी गई है। उनका कार्यकाल कुछ महीने में समाप्त होने जा रहा था।
देखिए एम एम नरवणे का अब तक का करियर
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने 31 दिसंबर 2019 को जनरल बिपिन रावत सेना प्रमुख का कार्यभार ग्रहण किया था। जब जनरल रावत को भारत का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) नियुक्त किया गया था।
उस समय लेफ्टिनेंट जनरल नरवणे फिलहाल उप-सेना प्रमुख की जिम्मेदारी निभा रहे थे।
उप सेना प्रमुख के तौर पर कार्यभार संभालने से पहले नरवणे सेना की पूर्वी कमान का नेतृत्व कर रहे थे, जो चीन से लगने वाली करीब 4000 किलोमीटर लंबी भारतीय सीमा पर नजर रखती है।
अपने 37 साल के कार्यकाल के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल नरवणे अलग-अलग कमानों में शांति, क्षेत्र और उग्रवाद रोधी बेहद सक्रिय माहौल में जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
वे जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स की बटालियन और पूर्वी मोर्चे पर इंफेंट्री ब्रिगेड की कमान संभाल चुके हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवणे श्रीलंका में भारतीय शांति रक्षक बल का हिस्सा थे और तीन सालों तक म्यांमार स्थित भारतीय दूतावास में रक्षा अताशे रहे।
लेफ्टिनेंट जनरल नरवणे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और भारतीय सैन्य अकादमी के छात्र रहे हैं।
उन्हें जून 1980 में सिख लाइट इन्फेंट्री रेजिमेंट के सातवें बटालियन में कमीशन मिला।
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवणे को ‘सेना मेडल’, ‘विशिष्ट सेवा मेडल’ और ‘अतिविशिष्ट सेवा मेडल’ भी मिला है।