डेंगू की रोकथाम के लिए सभी विभाग आपसी समन्वय स्थापित करें- डीएम
टिहरी गढ़वाल। जनपद में डेंगू रोग की रोकथाम और नियंत्रण हेतु जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल डॉ. सौरभ गहरवार ने समस्त विभागों को आपसी समन्वय से सभी निरोधात्मक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। समस्त विभागों द्वारा डेंगू निरोधात्मक गतिविधियों के अनुश्रवण एवं निगरानी के लिए एक नोडल अधिकारी नामित कर संचालित गतिविधियों की साप्ताहिक समीक्षा करने को भी कहा गया है। इसके साथ ही समस्त विभागों मंे सभी सरकारी अधिकारियों/ कर्मचारियों को क्षेत्र आवंटित कर जिम्मेदारियां तय करने के निर्देश दिये गये हैं।
जिलाधिकारी ने कहा कि आम जनमानस को डेंगू मच्छर के पनपने व स्वयं के बचाव पर जागरूक किया जाय। विद्यालय परिसर में प्रार्थना सभाओं/असेम्बली के दौरान विद्यार्थियों को डेंगू रोग से बचाव के उपायों पर सजग किया जाय। जनपद के समस्त राजकीय कार्यालयों/भवनों/ परिसरों में डेंगू मुक्त वातावरण रखें। जनसहभागिता से डेंगू रोग के दृष्टिगत भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र जैसे सब्जी मंडी, बस अड्डा, रेलवे स्टेशन, पार्क मेला आयोजन स्थल आदि पर विशेष निगरानी रखी जाय एवं साफ-सफाई व डेंगू निरोधात्मक कार्यवाहियां निरन्तर की जाय। समस्त शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में निरन्तर स्वच्छता अभियान चलाये जायें, मलिन बस्तियों में डेंगू लार्वा पनपने की अत्यधिक संभावना के दृष्टिगत विशेष सफाई अभियान चलाये जाय, मैदानी एवं घाटी क्षेत्रों में भी विशेष निगरानी रखी जाय।
डेंगू के मच्छरों के पनपने के स्थानों की साफ सफाई, नाले-नालियों की सफाई, ठोस कचरे का उचित निस्तारण, फॉगिंग व कीटनाशक का छिड़काव आदि गतिविधियां निरन्तर की जाय। ऐसे स्थान जहां पानी जमा होने की सम्भावना है, को लगातार साफ करने के लिए जागरूक किया जाय। निर्माणाधीन परियोजनाओं, अधूरे निर्माण कार्य क्षेत्र, नव निर्माण कार्य क्षेत्रों में जिम्मेदारी तय की जाय। समस्त राजकीय एवं निजी संस्थानों जैसे ऑफिस बैंक, व्यापारिक संस्थानों, शैक्षणिक संस्थानों, होटल रिसॉर्ट, रेस्त्रां, चिकित्सालय, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स आदि से सेल्फ डिक्लेरेशन सार्टिफिकेशन प्राप्त किया जाय, जिन स्थानों पर चेतावनी के पश्चात भी पानी जमा होने से डेंगू मच्छर पैदा होने की स्थितियां उत्पन्न हो रही है, ऐसे संस्थानों व लोगों पर आर्थिक दण्ड वसूला जाय ताकि जनहित में डेंगू रोग के खतरे से लोगों को बचाया जा सके व महामारी का रूप लेने से रोका जा सके।
शिक्षा विभाग को निर्देश दिये गये हैं कि विद्यालय परिसर में कहीं पानी जमा न हो, परिसर में साफ-सफाई रहें, कबाड़ जमा न हो व निरन्तर घास कटान हो। प्रार्थना सभाओं/असेम्बली के दौरान विद्यार्थियों को डेंगू रोग से बचाव के उपायो पर सजग किया जाय। विद्यार्थियों को पूरी बाजू की शर्ट, पतलून, लेगिंग, लम्बी जुराबों वाली ड्रेस पहनने के निर्देश दिये जाय, ताकि डेंगू रोग के मच्छरों के काटने से बचा जा सके। अभिभावकों को डेंगू से बचाव उपायों हेतु जागरूक किया जाय। डेंगू से बचाव के उपायो पर छात्र-छात्राओं की जागरूकता के लिए सेमिनार, वाद-विवाद, पोस्टर चित्रकला, निबन्ध लेखन व प्रोजेक्ट वर्क आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाय। आपदा प्रबन्धन विभाग द्वारा उपलब्ध निगरानी प्रणाली एवं संसाधनों के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय में समस्त विभागों द्वारा की जा रही बचाव एवं रोकथाम गतिविधियों की निगरानी की जाय। सूचना विभाग द्वारा प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जाय।
आम जनमानस को डेंगू सम्बन्धित जागरूकता एवं समुचित जानकारी प्रदान करने के लिए 104 हेल्पलाईन का उपयोग किया जाय तथा जनपद स्तर पर कन्ट्रोल रूम स्थापित कर टोल फ्री नम्बर संचालित किया जाय। सभी कार्यालय परिसरों को डेंगू मुक्त एवं साफ-सुथरा रखने के प्रयास निरन्तर किये जाय। कार्यालय परिसर में और उस के आसपास किसी भी सम्भावित डेंगू मच्छर के पैदा होने के स्थानों की निगरानी की जाय व निस्तारण गतिविधि की जाय। जनपद के समस्त राजकीय कार्यालयों/भवनों/परिसरों में डेंगू मुक्त वातावरण रखें। इस कार्य के लिए प्रत्येक भवन/कार्यालय में एक नोडल अधिकारी नामित करें, जिसके द्वारा निरन्तर समीक्षा की जाय व यह सुनिश्चित किया जाय कि भवन में या आस-पास ऐसे स्थानों पर पानी जमा न हो जहां डेंगू का मच्छर पनप सके एवं डेंगू के खतरे को रोका जा सकें। चिकित्सालयों में डेंगू रोगियों के उपचार हेतु पृथक आईसोेलेशन पार्क तैयार कर मच्छरदानी युक्त पर्याप्त बेड व औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाय तथा डेंगू आईसोलेशन वार्ड के लिए नोडल अधिकारी नामित किये जायें। डेंगू के गम्भीर रोगियों हेतु ब्लड बैंकों में प्लेटलेट्स की उपलब्धता सुनिश्चित की जाय। समस्त राजकीय एवं निजी चिकित्सालयों में डेंगू संदिग्ध रोगी की एलाईजा जांच द्वारा पुष्टि की जाय।