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आंदोलनकारी मंच टिहरी ने की गोष्ठी

आंदोलनकारी मंच टिहरी ने की गोष्ठी
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टिहरी गढ़वाल 8 नवंबर 2022। उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर राज्य आंदोलनकारी मंच टिहरी के तत्वावधान में शहीद स्मारक नई टिहरी में “राज्य आंदोलन में जनगीतों की भूमिका” विषय पर गोष्ठी आयोजित की गई।


गोष्ठी में राज्य आंदोलनकारियों ने विचार व्यक्त करते हुए आज के उत्तराखंड की परिस्थितियों पर चर्चा की।जिन सपनों को लेकर उत्तराखंड राज्य की लड़ाई लड़ी गई थी आज उन सपनों पर हम लोग कितने खरे उतरे हैं और किस ओर राज्य की दिशा और दशा जा रही है,इस पर चिंतन मनन किया गया।
वक्ताओं ने बताया कि राज्य आंदोलन के दौरान जन गीतों की निर्णायक भूमिका रही। राज्य आंदोलन के गीतों से पृथक पहाड़ी राज्य की लड़ाई को नई धार मिली जिससे यहां के बच्चे-बच्चे में अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ने की जागृति पैदा हुई।

लड़ना है भाई यह तो लंबी लड़ाई है, जीतने के वास्ते मशाल तो जलाई है,

‘लड़ के लेंगे भिड़ के लेंगे छीन के लेंगे उत्तराखंड, शहीदों की कसम हमें मिल के लेंगे उत्तराखंड’; ‘उठा जागा उत्तराखंड्यों सौं उठानों बगत ऐगे’

आदि कई गीतों ने उत्तराखंड के कण-कण को उद्वेलित करने का काम किया।
गोष्टी के उपरांत राज्य आंदोलन के दौरान शहीद हुए क्रांतिकारियों के स्मारक पर दिया जलाकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।तत्पश्चात शहीद स्मारक से प्रारंभ करते हुए नई टिहरी बाजार में जनगीतों के साथ एवं शहीदों की याद में नारे लगाते हुए मार्च निकाला गया।
गोष्ठी का संचालन मंच के उपाध्यक्ष देवेंद्र नौडियाल ने किया।
उक्त कार्यक्रम में आंदोलनकारी मंच के अध्यक्ष ज्योति प्रसाद भट्ट, महासचिव किशन सिंह रावत,सह प्रवक्ता विक्रम सिंह कठैत, मीडिया कोऑर्डिनेटर जय प्रकाश पाण्डेय, सचिव उत्तम तोमर, श्रीपाल चौहान, कोषाध्यक्ष सुन्दर सिंह कठैत, महिपाल सिंह नेगी, जय प्रकाश कुकरेती, खेम सिंह चौहान, इसरार अहमद फारूखी, बृजमोहन जोशी, पूरण सिंह राणा, हरेंद्र तोपवाल, हरि कृष्ण लांबा, विक्रम सिंह बिष्ट, विक्रम सिंह नेगी, चंद्रवीर नेगी आदि राज्य आंदोलनकारी उपास्थित रहे ।


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Govind Pundir

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