टिहरी विधानसभा को ओबीसी में शामिल करने के लिए ओबीसी आयोग मांगी रिपोर्ट
टिहरी गढ़वाल 28 जनवरी। स्थानीय विधायक किशोर उपाध्याय ने टिहरी विधानसभा को उत्तरकाशी और प्रतापनगर क्षेत्र की भांति ओबीसी में शामिल करने की मांग की है जिस पर समाज कल्याण और उत्तराखंड अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने कार्रवाई करने को लेकर पत्राचार शुरू कर दिया है। समाज कल्याण निदेशालय ने आयोग को इसका परीक्षण कर रिपोर्ट मांगी है।उपाध्याय ने इसके लिए विभाग का आभार व्यक्त किया है।
हाल में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने विधायकों से अपनी-अपनी विधानसभा की शीर्ष प्राथमिकता वाली 10 योजनाओं की सूची मांगी थी। इसी क्रम में टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय ने विभिन्न योजनाओं के साथ-साथ टिहरी विधानसभा को ओबीसी में शामिल करने की मांग रखी। इस परओबीसी आयोग और समाज कल्याण विभाग ने कवायद शुरू कर दी है। ओबीसी आयोग ने गत वर्ष जून में ही राष्ट्रीय ओबीसी आयोग ने किसी क्षेत्र को भौगोलिक आधार पर ओबीसी में शामिल करने सहित उत्तराखंड के तमाम प्रस्तावों पर राय मांगी थी।
वहीं समाज कल्याण विभाग के उप निदेशक जगमोहन सिंह कफोला ने राज्य ओबीसी आयोग को इस बाबत टिहरी क्षेत्र को ओबीसी में शामिल करने की मांग पर रिपोर्ट मांगी है। जिससे उम्मीद जगी है कि प्रतापनगर की भांति टिहरी को भी ओबीसी का लाभ मिल सकता है। इस संबंध में विधायक किशोर उपाध्याय का कहना है कि उत्तराखंड के लोग वनवासी हैं। हमारी आजीविका, संस्कृति और सभ्यता जल, जंगल पर निर्भर है। देश को पर्यावरण के क्षेत्र में उत्तराखंड का अभूतपूर्व योगदान है। कहा कि उन्होंने सीएम को शीर्ष 10 प्राथमिकता वाली योजना में ओबीसी मांग भी रखी है। उम्मीद है कि जल्द इस ओर कार्रवाई होगी। कहा कि टिहरी के लोगों ने राष्ट्र को ऊर्जा और पेयजल, सिंचाई के लिए अपनी जमीन, संस्कृति और परिसंपत्ति कुर्बान की है। अब उन्हें ओबीसी का लाभ देकर मुख्यधारा से जोड़ा जाना चाहिए। उपाध्याय ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही टिहरी विधानसभा के लोगों को इसका फायदा मिलेगा।