सहायक निदेशक डॉ चंडी प्रसाद घिल्डियाल से मिले संत रसिक महाराज

सहायक निदेशक डॉ चंडी प्रसाद घिल्डियाल से मिले संत रसिक महाराज
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देहरादून 18 फरवरी। सहायक निदेशक शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा डॉ चंडी प्रसाद घिल्डियाल से आज उनके आवास पर राष्ट्रीय संत रसिक महाराज ने शिष्टाचार मुलाकात की।

प्राप्त जानकारी के अनुसार संत रसिक ने सहायक निदेशक डॉ चंडी प्रसाद घिल्डियाल को उनकी विशिष्ट कार्यशैली की वजह से राज्य स्थापना दिवस पर विभिन्न संस्थाओं द्वारा “ऑफिसर ऑफ 2022 अवार्ड ” दिए जाने पर पुष्पगुच्छ भेंट कर बधाई दी और उनसे उत्तराखंड में शिक्षा और संस्कृति के विकास पर चर्चा करते हुए कहा कि संस्कारित शिक्षा से युक्त अधिकारी ही एक नैतिक समाज का निर्माण कर सकता है, और वह गुण डॉक्टर चंडी प्रसाद के अंदर ही विद्यमान है।

विद्यार्थी जीवन के दिनों को याद करते हुए संत रसिक ने कहा कि चरित्रवान एवं सख्त अनुशासन प्रिय डॉक्टर घिल्डियाल की छवि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में बहुत अच्छे छात्र नेता के रूप में भी थी, और उनके अंदर संगठन बहुत संभावनाएं भी तलाश रहा था परंतु पारिवारिक परिस्थितियों की वजह से वह राजनीति में नहीं रह पाए फिर भी पब्लिक सर्विस कमीशन की परीक्षा पास कर आज उच्च पद पर आसीन हो गए हैं, यह उनके व्यक्तिगत परिश्रम का परिणाम है, अन्यथा राजनीति में रहते तो वह भी आज मंत्री और मुख्यमंत्री की कुर्सी पर अवश्य होते।

सहायक निदेशक डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने कहा कि महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर “संत समागम हरि कथा जग में दुर्लभ होय” उक्ति मेरे आवास पर ही चरितार्थ हो गई है ,इसे मैं अपना सौभाग्य समझता हूं, उन्होंने संत को विश्वास दिलाया कि वह केंद्र एवं उत्तराखंड सरकार की मंशा के अनुरूप शिक्षा को संस्कार युक्त बनाए रखने के लिए पूरी मेहनत से कार्य करेंगे।

इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता शिव गौतम, आचार्य सुदर्शन एवं बड़ी संख्या में सामाजिक एवं शैक्षिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।


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Govind Pundir

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