जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती को मिला उमेश डोभाल स्मृति सम्मान
टिहरी/चमियाला से लोकेन्द्र जोशी की रिपोर्ट। चमियाला में खाचखच भरे जन समूह के बीच अमन रेजिडेंशी के प्रांगण में 31 वाँ उमेश डोभाल सम्मान समारोह 8 और 9 अप्रैल को सम्पन हुआ। सम्मान समारोह में उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में आए वरिष्ठ, लेखक, पत्रकार एवं साहित्यकारों के अलावा जन सरकारों से जुड़े आंदोलनकारी भी सामिल हुए।
कार्यक्रम में राज्य के पत्रकारिता, जन संघर्षों एवं सांस्कृतिक कार्यों के लिए पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत घोषित पुरस्कार से चुने हुए लोगों को प्रसस्ति पत्र, चिन्ह एवं शॉल भेंट के साथ साथ चेक के माध्यम से नगद धनराशि से देकर सम्मानित पुरस्कार वितरण किया गया।
समारोह में उमेश डोभाल स्मृति सम्मान जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती को दिया गया। टनकपुर के हिमांशु जोशी को उमेश डोभाल स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार (प्रिंट मीडिया) को, ,नैनीताल के शिप्रा कल्याण समिति जगदीश नेगी को ,राजेंद्र ‘राजू’ जनसरोकार सम्मान से नवाजा गया। बागेश्वर के युवा भास्कर भौर्याल को उनके जन गीतों के लिए ‘गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’ सम्मानित किया गया। चम्पावत के कमलेश भट्ट को उमेश डोभाल पत्रकारिता पुरस्कार (इलेक्ट्रॉनिक मीडिया) से सम्मानित किया गया।; एवं देहरादून (टिहरी मूल निवासी )के जयदीप सकलानी को उमेश डोभाल पत्रकारिता पुरस्कार (सोशल मीडिया) से कार्यक्रम सम्मानित किया गया।
अनिरुद्ध जोशी/ भुवनेश्वरी जोशी स्मृति प्रतिभा पुरस्कार में दो पुरस्कार दिए जाते हैं जोकि,छात्र प्रियांशु नेगी एवं कुमारी मनीषा -दोनों पौड़ी को दिया गया। पुरस्कार वितरण समारोह की अध्यक्षता ढोल वाधक शिवजनि के द्वारा किया।
आपको बताते चलें कि,25 मार्च 1988 को पौड़ी में निर्भीक पत्रकार मेश डोभाल की शराब माफियों के द्वारा बर्बर हत्या की गयी थी। जिसके विरोध में पूरे पहाड़ में बड़ा जन आंदोल हुए। स्व.उमेश डोभाल की स्मृति में व उमेश डोभाल स्मृति ट्रस्ट की स्थापना हुई । और वर्ष 1991 से सालाना सामारोह में उत्तराखंड राज्य के जनकल्याण एवं पत्रकारिता के महत्वपूर्ण योगदान करने वाले साथियों को सम्मानित किया जाता है। ।
इस साल जोशीमठ की त्रासदी, बढ़ती हुई नफरत एवं हिंसा, प्राकृतिक संसाधनों की लूट एवं लोकतान्त्रिक मूल्यों पर हो रहे हनन पर चिंता व्यक्त की। और जोर देते हुए कहा कि,जोशीमठ का आंदोलन हो या अंकिता भंडारी की जघन्य हत्या अथवा बेरोजगारों का आंदोलन आदि सभी आंदोलनों को एक मंच से लड़ा जाना चाहिए। वक्ताओं ने आगे की रणनीति पर भी चर्चा की। तथा उतरखंड के विभिन्न हिस्सों में हो रहे, आंदोलनों को जनता की संयुक्त लडाई लड़ने का आह्वान किया।
मीडिया से जुड़े सभी वक्ताओं ने आज मीडिया पर ही तीखे सवाल कर निराशा के साथ मीडिया की भूमिका और कार्य शैली पर गहरी चिंता ब्यक्त की।
कार्यक्रम में चेतना आंदोलन के संयोजक और पत्रकार, आंदोलनकारी एवं लेखक त्रेपन सिंह चौहान और अन्य खो दिए साथियों को भी याद करते हुए श्रद्धांजलि दी गयी।
उमेश डोभाल स्मृति ट्रस्ट के साथ चेतना आंदोलन एवं बालगंगा सेवानिवृत एवं वरिष्ठ नागरिक समिति समारोह के आयोजन किया गया । आयोजन समिति का ट्रस्ट के द्वारा धन्यवाद ज्ञापित करते हुए स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।
इस मौके पर स्मारिका का विमोचन भी किया गया। एवं ढोल वादक अखोड़ी निवासी 84 वर्षीय शिवजनी को भी समारोह में सम्मानित किया गया
उमेश डोभाल ट्रस्ट के अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार गोविन्द पंत ‘राजू’; नैनीताल समाचार के संपादक राजीव लोचन साह;, व्योमेश् चंद्र जुगराण, मदन मोहन बिजलवाण, डॉ.अरुण कुकसाल,,डॉ योगेश धस्माना, प्रभाति ध्यानी,चेतना आंदोलन के विनोद बड़ोनी;वरिष्ठ पत्रकार महिपाल नेगी;, एडवोकेट लोकेन्द्र जोशी, बेली राम कस्वाल, पूर्व प्रधानाचार्य कुँवर सिंह रावत, -रिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता आनंद प्रसाद व्यास; गोविंद सिंह राणा, बर्फ सिंह पोखरियाल, प्रधानाचार्य. हुकम सिंह रावत ,रंगकर्मी एवं उमेश डोभाल स्मृति ट्रस्ट के सचिव आशीष नेगी पत्रकार गीता असनोडा थापालियाल उत्तराखंड महिला मंच के माया चिलवाल; और प्रदेश भर से आए कई वरिष्ठ पत्रकार, बुद्धिजीवी एवं आंदोलनकारियों ने समारोह को सम्बोधित किया। कार्यक्रम केआयोजन समिति के अध्यक्ष पूर्व प्रधानाचार्य एवं सामाजिक कार्यकर्ता प्रताप सिंह राणा ने कार्यक्रम की अध्यक्षा की।; चेतना आंदोलन के निर्मला चौहान;आदि शामिल रहे। दो दिवसीय समारोह में मंच का संचालन वरिष्ठ पत्रकार महिपाल सिंह नेगी व योगेश धस्माना ने किया ।
समारोह में ड्रीम पब्लिक स्कूल के बच्चों ने पहले दिन लग भग चार घंटे का लगातार सुन्दर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर समारोह में चार चाँद लगाए।