नशा है अभिशाप

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नशा है अभिशाप समझ लो, नशा है अभिशाप।
कर देगा बर्बाद तुम्हें यह कर देगा बर्बाद।।
अगर नहीं संभले अभी तो हो जाओगे कंगाल।
तन रहेगा न मन रहेगा न कोई रोजगार।।
नशा है अभिशाप समझ लो नशा है अभिशाप। कर देगा बर्बाद , तुम्हें यह कर देगा बर्बाद।।
मां बाप बच्चों की खातिर ,छोड़ दो इसको यार।
शिक्षा दीक्षा नहीं मिली,तो बच्चे हो जाएंगे लाचार।।
नशा है अभिशाप समझ लो,नशा है अभिशाप।
कर देगा बर्बाद तुम्हें यह,कर देगा बर्बाद।।
बेटी पालनी है तुम्हें और,बेटे को देना है रोजगार।
कैसे होगा यह सब ,जब हो जाओगे बीमार।।
नशा है अभिशाप समझ लो, नशा है अभिशाप। कर देगा बर्बाद तुम्हें,यह कर देगा बर्बाद।।
नाते रिश्ते छूट जाएंगे, कौन सुनेगा दरखास्त।
अपने आप से चिढ़ने लगोगे,जब होगा यह अहसास।।
नशा है अभिशाप समझ लो, नशा है अभिशाप।
कर देगा बर्बाद तुम्हें यह कर देगा बर्बाद।।

-डा.शशि बाला वर्मा


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Govind Pundir

*** संक्षिप्त परिचय / बायोडाटा *** नाम: गोविन्द सिंह पुण्डीर संपादक: गढ़ निनाद न्यूज़ पोर्टल टिहरी। उत्तराखंड शासन से मान्यता प्राप्त वरिष्ठ पत्रकार। पत्रकारिता अनुभव: सन 1978 से सतत सक्रिय पत्रकारिता। विशेषता: जनसमस्याओं, सामाजिक सरोकारों, संस्कृति एवं विकास संबंधी मुद्दों पर गहन लेखन और रिपोर्टिंग। योगदान: चार दशकों से अधिक समय से प्रिंट व सोशल मीडिया में निरंतर लेखन एवं संपादन वर्तमान कार्य: गढ़ निनाद न्यूज़ पोर्टल के माध्यम से डिजिटल पत्रकारिता को नई दिशा प्रदान करना।

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