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मन को भगवान के चरणों में लगाना चाहिए -नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज

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मसूरी 13 जुलाई 2023। लक्ष्मी नारायण मंदिर मसूरी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में आज चतुर्थ दिवस सुंदर प्रसंगों का वर्णन किया गया। व्यास पीठ पर आसीन आचार्य नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज ने प्रवचन देते हुए कहा कि मन को भगवान के चरणों में लगाना चाहिए, कर्म-सत्कर्म करना और वाणी को मधुर रखना चाहिए तभी हमारा जीवन सार्थक होगा।

इसके पश्चात भगवान मत्स्य अवतार का वर्णन किया गया। राजा शरियाती की पुत्री सुकन्या और चमन का सुंदर संवाद वर्णन किया गया। चक्रवर्ती सम्राट राजा अंबरीश की भक्ति का वर्णन भी हुआ कि वे कैसे राजा होने पर भी स्वयं भगवान की सेवा में सदा तन्मय रहते थे! कैसे महर्षि दुर्वासा ने अंबरीश जी की परीक्षा ली। कब महर्षि दुर्वासा ने क्रोध को ही बुरी वासना कहा और कैसे अंत में महर्षि दुर्वासा को भी एक भक्त के सामने झुकना पड़ा। भगवान हमेशा अपने भक्तों की स्वयं रक्षा किया करते हैं वाले प्रसंग से सभी भक्त बहुत आनंदित हुए! राजा सगर के साठ हजार पुत्रों का कपिल मुनि द्वारा भस्म होना, गंगा जी द्वारा उनका उद्धार, भगवान भोले की कृपा से गंगा जी पृथ्वी पर,भगीरथ के पीछे-पीछे सागर के सभी पुत्रों का उद्धार, गंगा जी द्वारा जीव को पवित्र करना, भागवत रूपी गंगा द्वारा मानव को पवित्र किया जाना,राम जी के सुंदर चरित्रों का वर्णन तथा उसके बाद भगवान श्री कृष्ण के जन्म की कथा, वसुदेव और बालकृष्ण की बहुत सुंदर झांकी के साथ वर्णित की गई।

इस अवसर पर दीपक सिंघल, पंकज सिंहल, नीरज सिंहल, निधि सिंहल, मीनू सिंहल, प्रियंका सिंहल एवं बड़ी संख्या में भक्त जन उपस्थित रहे।


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