भोले की शादी में आए हर तरह के प्राणी…
टिहरी गढ़वाल 16 सितम्बर। बौराड़ी स्टेडियम में शिव महापुराण कथा के छटे दिन जब शिव और पार्वती का विवाह हुआ तो दृश्य देखकर हर कोई झूमने पर मजबूर हो गए। ज्यों ही शिव पार्वती की बारात सत्येश्वर महादेव मंदिर से कथा स्थल पर आई तो भक्तों की भीड़ नाचने लगी। भगवान शिव और पार्वती की शादी बड़े ही भव्य तरीके से आयोजित हुई। पार्वती की तरफ से कई सारे उच्च कुलों के राजा-महाराजा और शाही रिश्तेदार इस शादी में शामिल हुए, लेकिन शिव की ओर से कोई रिश्तेदार नहीं था, क्योंकि वे किसी भी परिवार से ताल्लुक नहीं रखते।
भगवान शिव की शादी में बड़े से बड़े और छोटे से छोटे हर वर्ग के लोग शामिल हुए। सभी देवता तो वहां मौजूद थे ही, साथ ही असुर भी वहां पहुंचे। आम तौर पर जहां देवता जाते थे, वहां असुर जाने से मना कर देते थे और जहां असुर जाते थे, वहां देवता नहीं जाते थे। यह बड़ा ही अदभुत दृश्य था। क्योंकि यह एक शाही शादी थी, एक राजकुमारी की शादी हो रही थी।