श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय में एल0एल0एम0 पाठ्यक्रम का शुभारम्भ ,फस्ट कम फस्ट सर्व के आधार पर प्रवेश
टिहरी गढ़वाल 11 सितम्बर। श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय में एल0एल0एम0 पाठ्यक्रम का शुभारम्भ। फस्ट कम फस्ट सर्व के आधार पर मिलेगा प्रवेश।
श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय परिसर, ऋषिकेश में दिनांक 20 सितम्बर 2023 से एल0एल0एम0 की प्रवेश प्रक्रिया प्रारम्भ की जा रही है। इसकी जानकारी एल0एल0एम0 संयोजक प्रो0 डी0 सी0 गोस्वामी जी द्वारा दी गयी। 20 सितम्बर 2023 से फस्ट कम फस्ट सर्व के आधार पर प्रवेश प्रक्रिया प्रारम्भ की जायेगी। इच्छुक प्रवेशार्थी 20 सितम्बर से पहले भी आकर अपना पंजीकरण करवा सकते है। श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय द्वारा एक प्रयास किया गया जिसमें एक मात्र ऋषिकेश परिसर में इस कोर्स को संचालित करने हेतु चयन किया गया। एल0एल0एम0 में प्रवेश हेतु 5 वर्षीय बी0ए0 एल0एल0बी0 उत्तीर्ण अथवा तीन वर्षीय एल0एल0बी0 उत्तीर्ण या समकक्ष डिग्री प्राप्त 50 प्रतिशत वाले सामान्य वर्ग के छात्र प्रवेश ले सकते है आरक्षित वर्ग के छात्रों को आरक्षित वर्ग हेतु जारी प्राविधान प्रवेश में लागू होंगे। परिसर में संवैधानिक एवं प्रशासनिक विधि तथा कोरपोरेट विधि में एल0एल0एम0 करने की सुविधा विश्वविद्यालय द्वारा उपलब्ध करायी गयी है। प्रथम बार संचालित इस द्विवर्षीय कोर्स हेतु राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्राविधानोंनुसार अध्यापन परिषद द्वारा पाठ्यक्रम तैयार करा दिया गया है। एल0एल0एम0 में सीटों की संख्या 60 होगी, यह कोर्स दो वर्ष की अवधि का 4 सेमेस्टर का होगा, इसकी फीस रु0 24,000/- प्रति सेमेस्टर होगी। एल0एल0एम0 कोर्स का प्रारम्भ होने से ऋषिकेश शहर में कानूनी अध्ययन की सुविधा प्राप्त होगी। यहाँ के बच्चें दूर-दराज में जाकर कोर्स करते है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 एन0 के0 जोशी जी द्वारा कहा गया कि श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय में कानूनी शिक्षा उपलब्ध करायी जाने का पहली बार प्रयास किया जा रहा है, जिसका लाभ सम्पूर्ण उत्तराखण्ड एवं गढ़वाल मंडल के पर्वतीय जनपदों के छात्रों प्राप्त होगा। परिसर के प्राचार्य प्रो0 एम0 एस0 रावत द्वारा विश्वविद्यालय के इस प्रयास की सफलता की कामना करते हुए पाठ्यक्रम संचालन की दशा में सकारात्मक प्रयास किये जाने की बात कही गयी। एल0एल0एम0 पाठ्यक्रम के संयोजक प्रो0 डी0 सी0 गोस्वामी द्वारा विश्वविद्यालय के इस प्रयास की सराहना करते हुए नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। जो छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में मील का पत्थर साबित होगा।