मातृ दिवस पर महिलाओं ने मचाई धूम: मां एक शब्द ही नहीं बल्कि पूरा का पूरा संसार ही मां के चरणों में है- डॉ हृदयेश कुमार
फरीदाबाद 12 मई 2024। मातृ दिवस एक असाधारण प्रेम का जश्न मनाने का समय है जिसकी कोई सीमा नहीं। मां का प्यार- यह दिन हमारी पहचान को आकार देने, हमारे सपनों को पोषित करने तथा लचीलेपन के मूल्यों को स्थापित करने में माता के गहन प्रभाव को दर्शाता है। बच्चों की खुशी के लिए मां अपना पूर्ण जीवन समर्पित कर देती है।
मां बच्चों की पहली गुरु व दोस्त होती है। मां के इसी समर्पण के प्रति आभार प्रकट करने को मई के दूसरे रविवार के दिन यह मातृ दिवस मनाया जाता है। मां की अटूट भक्ति और निस्वार्थ प्रेम पारिवारिक जीवन की आधारशिला के रूप में कार्य करती हैं, संबंध बनाते हैं, जो कि कई पीढियां तक चलते रहते हैं। उन्ही संस्कारों को ध्यान में रखते हुए आज अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट की महिलाओं के बीच धमाकेदार कार्यक्रम रखा जिसमें काफी संख्या में महिलाएं उपस्थित थी।
कार्यक्रम की शुरुआत ओम ध्वनि व गायत्री मंत्र के साथ की गई। उसके बाद बहुत सी मनभावन एक्टिविटीज जैसे- पेपर ग्लास बैलेंसिंग ,लेमन रेस ,रैंप वॉक, हिंदी इंग्लिश मिक्स काउंटिंग मस्ती के साथ अनेको कार्यक्रम किए गए। कई बच्चों ने भी मातृ दिवस पर कविताएं सुनाई ।सभी बच्चों और महिलाओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के अंत में चाय नाश्ता स्वीट डिश कोल्ड ड्रिंक आदि के साथ पार्टी इंजॉय किया गया। बच्चों के हर दर्द तकलीफ में मां साथ देती है, डांट लगाती है, कभी मुस्कुराती है, उदास होने पर भी हंसती है, मां रूठ कर भी प्यार जताती है, अलग ही मानवता की 16 कलाओं से परिपूर्ण मां के रूप को अनेकों प्रकार के नृत्य गायन व भारतीय संस्कृति का संरक्षण संवर्धन हेतु साड़ियां पहनकर विभिन्न रूपों में बहुत ही खुशनुमा माहौल बनाकर आनंद उठाया। इस कार्यक्रम में सेव वाटर, सेव ट्रीज ,सेव पोल्यूशन ,प्लास्टिक मुक्ति आदि के बारे में भी बहुत कुछ समझाया गया अंत में सब बहुत खुशी के साथ अपने-अपने घर वापस गए। ऐसा था आज का दिन सभी को मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।