लिंचोली में मिले तीन शवों ने खोली आपदा प्रबंधन की पोल: शांति प्रसाद भट्ट, प्रवक्ता उत्तराखंड कांग्रेस
केदारघाटी आपदा में लापरवाही के गंभीर आरोप, विपक्ष ने सरकार पर लगाए आंकड़े छुपाने के आरोप
देहरादून, 16 अगस्त 2024: उत्तराखंड के केदारघाटी क्षेत्र में आई भीषण आपदा के बाद सरकार के आपदा प्रबंधन पर सवाल उठते जा रहे हैं। कांग्रेस के प्रवक्ता शांति प्रसाद भट्ट ने 15 अगस्त को लिंचोली में तीन और शवों के मिलने की घटना को सरकार की नाकामी करार दिया है। भट्ट ने कहा कि इससे पहले भी तीन शव बरामद किए गए थे, और यह दर्शाता है कि सरकार ने आपदा के दौरान प्रभावित लोगों की सही जानकारी और आंकड़े जनता से छुपाए।
भट्ट ने कहा कि जब आपदा के समय जनता को अपने जनप्रतिनिधियों और मंत्रियों की सबसे अधिक आवश्यकता थी, तब वे दिल्ली में व्यस्त थे। उन्होंने आरोप लगाया कि जिम्मेदार मंत्रियों को आपदा प्रभावित क्षेत्रों में कैंप करना चाहिए था, लेकिन वे दिल्ली में फोटोशूट और अन्य गतिविधियों में व्यस्त रहे।
कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे कहा कि विपक्षी दल के नेता और कार्यकर्ता जहां आपदा राहत कार्यों में जुटे रहे, वहीं सरकार पर आंकड़े छुपाने का आरोप पहले ही लगाया गया था, जो अब सही साबित होता प्रतीत हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार के मंत्री, विधायक और मुख्यमंत्री के बीच जारी अंतर्कलह के चलते विकास कार्य और आपदा प्रबंधन पूरी तरह से अव्यवस्थित हो गए हैं।
शांति प्रसाद भट्ट ने सरकार की अस्थिरता को लेकर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य के 24 वर्षों में सबसे अधिक अस्थिरता भाजपा ने ही दी है। राज्य में नौ मुख्यमंत्रियों के बदलाव और कांग्रेस की सरकार गिराने का संवैधानिक पाप भाजपा ने ही किया है।
भट्ट ने राज्यपाल से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है, यह कहते हुए कि संविधान के अनुच्छेद 163 के तहत राज्यपाल को अपने सलाहकार के रूप में मंत्रिपरिषद गठित करने की शक्ति प्राप्त है, लेकिन जब वही मंत्रिपरिषद अपने कार्यों का निर्वहन ठीक से नहीं कर पा रही है, तो राज्यपाल को हस्तक्षेप करना पड़ सकता है।
ज्ञात हो 24 साल के उतराखंड राज्य मे सबसे ज्यादा अस्थिरता भाजपा ने ही दी है, 24 सालों मे नौ मुख्यमंत्री सहित कांग्रेस की सरकार को गिराने का संवैधानिक पाप भी इस देव भूमी मे बीजेपी ने ही किया था।