टिहरी हाइड्रो पॉवर इंजीनियरिंग कॉलेज को आईआईटी रुड़की का हिल कैंपस बनाने पर विचार
टिहरी गढ़वाल 8सितंबर 2024। विगत 14 अगस्त 2024 को उत्तराखंड शासन के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में टिहरी हाइड्रो पॉवर इंजीनियरिंग कॉलेज (टीएचडीसी आईएचईटी) को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की के हिल कैंपस का दर्जा प्रदान करने के संबंध में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।
इस बैठक में टिहरी विधायक श्री किशोर उपाध्याय, सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, जिलाधिकारी टिहरी श्री मयूर दीक्षित (ऑनलाइन माध्यम से), टीएचडीसी के कार्यकारी निदेशक श्री एल. पी. जोशी, और टीएचडीसी आईएचईटी के निदेशक प्रो. एस.के. प्रधान सहित कई अन्य अधिकारी शामिल हुए।
बैठक की शुरुआत में टीएचडीसी आईएचईटी के निदेशक प्रो. एस.के. प्रधान ने मुख्य सचिव महोदया के सामने एक विस्तृत प्रस्तुति दी। इस प्रस्तुति में कॉलेज को आईआईटी रुड़की के हिल कैंपस का दर्जा देने के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई, जिसमें संस्थान की वर्तमान प्रगति, उपलब्ध संसाधन, और इसे आईआईटी कैंपस में परिवर्तित करने के लिए आवश्यक भूमि, वित्तीय संसाधन, और बुनियादी ढांचे की जानकारी साझा की गई। साथ ही, अन्य आईआईटी परिसरों के सेटेलाइट कैंपस के उदाहरणों पर भी प्रकाश डाला गया।
बैठक में यह निष्कर्ष निकला कि टीएचडीसी आईएचईटी को आईआईटी रुड़की का हिल कैंपस बनाने के लिए “नवीकरणीय ऊर्जा और वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों” पर केंद्रित एक नया प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। मुख्य सचिव महोदया ने आईआईटी रुड़की को इस प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने के लिए अनुरोध पत्र भेजने का निर्देश दिया।
प्रमुख निर्णय:
- टीएचडीसी आईएचईटी में “नवीकरणीय ऊर्जा और वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों” पर अनुसंधान और विकास केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव दिया गया।
- टीएचडीसी आईएचईटी में बी.टेक. ऊर्जा इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया गया।
- “जल विज्ञान और बाढ़ प्रबंधन” और “नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों” के क्षेत्र में उत्कृष्टता केंद्र (CoE) स्थापित करने का सुझाव दिया गया।
- टिहरी जिलाधिकारी श्री मयूर दीक्षित ने अनुसंधान गतिविधियों को सहयोग देने के लिए आईआईटी रुड़की के साथ एमओयू करने का प्रस्ताव दिया।
- टीएचडीसी के कार्यकारी निदेशक श्री एल. पी. जोशी ने टीएचडीसी आईएचईटी को हिल कैंपस बनाने की योजना का समर्थन किया और इसमें हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
टिहरी विधायक श्री किशोर उपाध्याय ने इस प्रस्ताव की सराहना की और इसे जल्द से जल्द लागू करने के लिए अपना पूर्ण समर्थन देने की बात कही।
मुख्य सचिव महोदया ने अंत में सभी अधिकारियों को धन्यवाद देते हुए जल्द ही इस संबंध में पुनः एक बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए।