टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने विद्युत उत्पादन में हासिल की बड़ी उपलब्धि: 1320 मेगावाट की खुर्जा सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट इकाई-1 का सफल समन्वय
ऋषिकेश, 28 अक्टूबर 2024: टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने भारत की ऊर्जा उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाने के अपने प्रयासों में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। सार्वजनिक क्षेत्र की मिनी रत्न (शेड्यूल-A) कंपनी टीएचडीसी ने आज घोषणा की कि 1320 मेगावाट के खुर्जा सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट (KSTPP) की इकाई-1 का सफलतापूर्वक राष्ट्रीय ग्रिड के साथ समन्वय किया गया है। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि की जानकारी निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री आर.के. विश्नोई ने दी।
श्री विश्नोई ने बताया कि यह परियोजना टीएचडीसी के थर्मल पावर क्षेत्र में विस्तार और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा, “इकाई-1 का समन्वय केवल एक तकनीकी उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह हमारे राष्ट्र की बिजली उत्पादन क्षमता को सुदृढ़ करने की प्रतिबद्धता का प्रतीक भी है। समन्वय के कुछ ही घंटों के भीतर कोयला फायरिंग प्रक्रिया को भी सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया, जो इस परियोजना की टीम की दक्षता और समर्पण को दर्शाता है।”
खुर्जा सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट के महत्व पर प्रकाश डालते हुए निदेशक (तकनीकी) श्री भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि यह परियोजना भविष्य में नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की परिवर्तनशीलता के दौरान और अत्यधिक मांग के समय विश्वसनीय और निरंतर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करेगी।
थर्मल और नवीकरणीय ऊर्जा के संतुलन की ओर कदम
टीएचडीसी ने अपने नवीकरणीय ऊर्जा पोर्टफोलियो के पूरक के रूप में थर्मल पावर क्षेत्र में रणनीतिक प्रवेश किया है। श्री विश्नोई ने बताया कि यह संतुलित ऊर्जा पोर्टफोलियो, राष्ट्र की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने और बढ़ती ऊर्जा मांगों को पूरा करने में सहायक होगा। इसके साथ ही, कंपनी पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन घटाने के लिए स्वच्छ ऊर्जा तकनीकों को भी अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
वरिष्ठ अधिकारियों और सहयोगी एजेंसियों की भागीदारी
इस ऐतिहासिक अवसर पर टीएचडीसी के वरिष्ठ अधिकारी श्री कुमार शरद, कार्यपालक निदेशक (परियोजना), श्री आर.एम. दुबे, महाप्रबंधक (इलेक्ट्रिकल), और श्री बी.के. साहू, महाप्रबंधक (ओ.एंड.एम.) उपस्थित रहे। इसके अलावा, एनटीपीसी परामर्श टीम का नेतृत्व श्री एम.के. आस्थाना ने किया। परियोजना में बीएचईएल, एलएमबी, एसटीईएजी, और जीई जैसी विभिन्न सहयोगी एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।
ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत कदम
टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड की यह उपलब्धि न केवल कंपनी की ऊर्जा उत्पादन क्षमता को बढ़ाती है, बल्कि किफायती और विश्वसनीय ऊर्जा मुहैया कराने की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान देती है। यह प्रोजेक्ट भारत के ऊर्जा भविष्य को सुरक्षित और टिकाऊ बनाने में मील का पत्थर साबित होगा।
टीएचडीसी का यह प्रयास नवाचार को बढ़ावा देने और ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में भारत के सपने को साकार करने के लिए समर्पित है।