10वें वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस के तीसरे दिन आयुष विशेषज्ञों ने नई तकनीकों पर की चर्चा
मकड़ी के दंश पर शोध के लिए डॉ. स्मिता सम्मानित
देहरादून। देहरादून के परेड ग्राउंड में आयोजित 10वें वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस और आरोग्य एक्सपो के तीसरे दिन देश-विदेश के आयुष विशेषज्ञों ने आयुर्वेद के क्षेत्र में खोजी गई नवीन तकनीकों और औषधियों पर चर्चा की। नेत्र चिकित्सा के लिए नेत्र तर्पण दृष्टि यंत्र का प्रस्तुतीकरण किया गया, जिसमें औषधीय तेलों के माध्यम से आंखों का उपचार किया जाता है। निर्दोष नामक कंपनी ने तुलसी, नीम, हल्दी और अजवाइन से बनी धूम्रपान वर्तिका का प्रदर्शन किया, जो धूम्रपान की लत छुड़ाने में सहायक है। साथ ही, चर्म रोगों के लिए उपयोगी औषधि दारुहरिद्रा (बर्बेरिन) का प्रदर्शन भी किया गया।
पिंडरहॉल में आयुर्वेद के माध्यम से पशु चिकित्सा से संबंधित प्रस्तुतीकरण दिया गया, जिसमें पशुओं के चर्म रोगों और दूध से संबंधित विकारों के उपचार में उपयोगी औषधियों पर चर्चा हुई। मकड़ी के काटने से होने वाले रोगों और उनके आयुर्वेदिक उपचार पर विचार किया गया। इस शोध के लिए डॉ. स्मिता को बेस्ट पेपर अवार्ड से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में उत्तराखंड आयुष नीति-2023 के प्रावधानों की जानकारी साझा की गई और इसके बेहतर और त्वरित कार्यान्वयन के लिए सुझाव भी दिए गए। आयुर्वेद में हो रहे इन नवाचारों ने प्रतिभागियों और विशेषज्ञों को नई दिशा में सोचने के लिए प्रेरित किया।