अजीनोमोटो: स्वाद बढ़ाने वाला रहस्यमयी यौगिक, फायदे या नुकसान?
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टिहरी गढ़वाल। अजीनोमोटो, जिसे वैज्ञानिक भाषा में मोनोसोडियम ग्लूटामेट (MSG) कहा जाता है, एक स्वाद बढ़ाने वाला पदार्थ है, जो कई खाद्य पदार्थों में उपयोग किया जाता है। यह विशेष रूप से जंक फूड, चाइनीज व्यंजन, सूप, सॉस, और इंस्टेंट नूडल्स जैसे खाद्य पदार्थों में प्रमुखता से पाया जाता है। MSG का निर्माण ग्लूटामिक एसिड से होता है, जो एक प्रकार का अमीनो एसिड है। पहले इसे समुद्री शैवाल से निकाला जाता था, लेकिन अब इसे गन्ना, चुकंदर, टैपिओका और मक्का जैसी प्राकृतिक चीजों से तैयार किया जाता है।
इसकी निर्माण प्रक्रिया कई चरणों में पूरी होती है। पहले कच्चे पदार्थों में मौजूद शर्करा को बैक्टीरिया की मदद से किण्वित किया जाता है, जिससे ग्लूटामिक एसिड बनता है। इसके बाद इसे सोडियम हाइड्रॉक्साइड के साथ मिलाकर मोनोसोडियम ग्लूटामेट तैयार किया जाता है। फिर इसे शुद्ध करके क्रिस्टल के रूप में सुखाया जाता है और बाजार में पैकिंग कर बेचा जाता है।
हालांकि, MSG के सेवन को लेकर कई मतभेद हैं। कुछ लोग इसे सुरक्षित मानते हैं, जबकि अन्य इसके संभावित दुष्प्रभावों को लेकर चिंतित रहते हैं। अधिक मात्रा में सेवन करने पर यह “चाइनीज रेस्तरां सिंड्रोम” नामक समस्या उत्पन्न कर सकता है, जिसमें सिरदर्द, मतली, पसीना आना और कमजोरी जैसी समस्याएं देखी जाती हैं। इसके अलावा, कुछ लोगों को इससे एलर्जी हो सकती है, और अधिक मात्रा में सेवन करने से न्यूरोलॉजिकल समस्याएं भी हो सकती हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, 0.5 ग्राम से 3 ग्राम प्रति दिन का सेवन आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है, लेकिन बच्चों और गर्भवती महिलाओं को इससे बचना चाहिए। अगर MSG से कोई समस्या महसूस होती है, तो इसके प्राकृतिक विकल्पों जैसे अदरक, लहसुन, प्याज, सोया सॉस और खमीर अर्क का उपयोग किया जा सकता है। स्वाद के इस गुप्त विज्ञान को लेकर बहस जारी है, लेकिन एक बात तय है—MSG ने दुनिया भर के खानपान की आदतों को बदल दिया है।