एक राष्ट्र–एक जीएसटी की मांग तेज, व्यापारियों ने सरकार को सौंपा प्रस्ताव

नई दिल्ली, 28 अगस्त। सेल्फ एम्प्लॉयड टैक्स पेयर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SETFI) ने एक राष्ट्र–एक चुनाव की तर्ज पर एक राष्ट्र–एक जीएसटी पंजीकरण लागू करने की मांग की है। संगठन ने कहा कि यदि सरकार यह कदम उठाती है तो भारत न केवल तीसरी बल्कि दुनिया की पहली आर्थिक शक्ति बनने की ओर अग्रसर हो जाएगा।
नई दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित यूनाइटेड इंडिया लाइफ बिल्डिंग में आयोजित बैठक में चेयरमैन जय भगवान गोयल की अध्यक्षता में व्यापारी वर्ग ने जीएसटी से जुड़ी समस्याओं को उठाया। इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र भेजकर व्यापारियों की प्रमुख मांगें रखी गईं।
प्रमुख मांगें
- जीएसटी पंजीकरण की एक राष्ट्र–एक व्यवस्था लागू की जाए।
- जीएसटी से जुड़ी कागजी कार्रवाई और अनुपालन का बोझ कम किया जाए।
- अधिकारियों द्वारा न्यायसंगत व्यवहार और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगे।
- 180 दिन से अधिक समय तक भुगतान लंबित रहने पर 18% ब्याज की अनिवार्यता खत्म हो।
- छोटे व्यापारियों (50 लाख से 1 करोड़ तक कारोबार वाले) को पंजीकरण से छूट दी जाए।
- जीएसटी रिटर्न दाखिल न करने पर इनपुट टैक्स क्रेडिट अवरुद्ध करने की प्रक्रिया समाप्त की जाए।
बैठक में महासचिव वी.डी. अग्रवाल, सचिव वित्त रविंदर गर्ग, उपाध्यक्ष सुरेश गोयल, राजेश गुप्ता, कैलाश गुप्ता, आर.के. गोर, डॉ. वाई.पी. जिंदल, जीतेन्द्र सेठी, पवन जैन, मंदीप गोयल, राजेश्वर पैन्यूली (CA), विनोद गुप्ता, अशोक कुमार, कपिल वर्मा, मनोज जैन सहित कई पदाधिकारी उपस्थित रहे।
संगठन ने स्पष्ट किया कि छोटे-बड़े व्यापारी जीएसटी की जटिलताओं से परेशान हैं और यदि सुधार किए जाते हैं तो व्यापार सुगमता बढ़ेगी और भारत वैश्विक स्तर पर आर्थिक शक्ति बनेगा।