श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय में IPR साक्षरता एवं नवाचार पर फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम शुरू

टिहरी गढ़वाल। श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर (एफडीसी) द्वारा “Empowering Educators through IPR Literacy and Innovation” विषय पर एक सप्ताहव्यापी फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी) का शुभारंभ हुआ।
- कुलपति प्रो. एन.के. जोशी ने उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि “आज की ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था में बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) अनुसंधान, नवाचार और उद्यमिता की नींव हैं। शिक्षा जगत को छात्रों व शोधार्थियों को नवाचार की ओर प्रेरित करना होगा।”
- कुलपति ने नई शिक्षा नीति 2020 और आत्मनिर्भर भारत के विज़न को रेखांकित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालयों की भूमिका केवल शिक्षा तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि उन्हें समाजोपयोगी अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देना होगा।
- उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को IPR प्रक्रियाओं को और प्रभावी बनाने में उपयोगी बताया।
फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर की सराहना
- कुलपति ने प्रो. अनीता तोमर (निदेशक, एफडीसी) सहित आयोजन टीम के डॉ. अटल बिहारी त्रिपाठी और डॉ. सीमा बैनिवाल के प्रयासों की प्रशंसा की।
नवाचार संस्कृति को बढ़ावा
- स्वागत भाषण में प्रो. अनीता तोमर ने कहा कि यह एफडीपी संस्थानों को नवाचार और स्टार्ट-अप संस्कृति की ओर अग्रसर करेगी।
- कोर्स समन्वयक डॉ. अटल बिहारी त्रिपाठी ने इसे शोधकर्ताओं व शिक्षकों को जागरूक करने की मजबूत पहल बताया।
- डॉ. सीमा बैनिवाल ने अकादमिक शोध को उद्योग से जोड़ने और नवाचार की सामाजिक-आर्थिक उपयोगिता पर बल दिया।
विशेषज्ञों का अनुभव साझा
देशभर से आए विशेषज्ञों ने विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दिए और IPR, अनुसंधान एवं नवाचार से जुड़े अनुभव साझा किए।
यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय में रचनात्मकता, नवाचार और बौद्धिक संपदा संरक्षण को समान महत्व देने वाले शैक्षणिक पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।