हिंदी दिवस की पूर्व संध्या पर देवप्रयाग महाविद्यालय में विचार गोष्ठी का आयोजन
टिहरी गढ़वाल 13 सितंबर 2025। हिंदी दिवस की पूर्व संध्या पर ओंकारानंद सरस्वती राजकीय महाविद्यालय, देवप्रयाग में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. अर्चना धपवाल ने की, जबकि संचालन हिंदी विभाग की प्राध्यापक डॉ. सृजना राणा ने किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां शारदे के समक्ष दीप प्रज्वलन और बीए प्रथम सेमेस्टर की छात्राओं द्वारा वंदना प्रस्तुति से हुआ। इसके उपरांत डॉ. सृजना राणा ने भारतेन्दु हरिश्चंद्र की पंक्तियों के माध्यम से हिंदी भाषा की समाज एवं व्यक्ति निर्माण में भूमिका पर विचार रखे। हिंदी विभाग की प्राध्यापक डॉ. रंजू उनियाल ने हिंदी भाषा के विकास क्रम पर प्रकाश डाला, वहीं संस्कृत विभाग के प्राध्यापक डॉ. एम.एन. नौडियाल ने साहित्य और भाषा के महत्व पर व्याख्यान देते हुए कहा कि साहित्य हमारी भावनाओं का सच्चा साथी है।
बीए प्रथम सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं—रितिका, आयुषी, इकरा खान, स्नेहा, शीतल चौहान, सुशीत, रोहित, कोमल और कंचन—ने स्वरचित कविताएं और गीत प्रस्तुत कर वातावरण को भावपूर्ण बना दिया। इसके पश्चात जंतु विज्ञान विभाग के डॉ. आदिल कुरैशी ने बोली और भाषा के अंतर तथा हिंदी की वर्तमान दशा-दिशा पर अपने विचार रखे। अर्थशास्त्र विभाग के डॉ. ओमप्रकाश ने हिंदी के प्रचार-प्रसार हेतु सरकारी और व्यक्तिगत स्तर पर गंभीर प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया। शिक्षाशास्त्र विभाग के डॉ. अमित कुमार ने कहा कि हिंदी हर भारतीय के गर्व की भाषा है, परंतु अन्य भाषाओं का ज्ञान भी उतना ही आवश्यक है।
अंत में प्राचार्य डॉ. अर्चना धपवाल ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि हिंदी दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य हिंदी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करना है। यदि राष्ट्र को एक सूत्र में बांधना है तो एक सशक्त राष्ट्रभाषा का होना आवश्यक है। उन्होंने हिंदी विभाग को कार्यक्रम की सफलता पर शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक, शिक्षणेत्तर कर्मचारी और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
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