उच्च शिक्षा की पुनर्कल्पना पर राधे हरि कॉलेज में संवाद आयोजित

विकसित भारत और समृद्ध उत्तराखंड निर्माण में उच्च शिक्षण संस्थानों की भूमिका पर हुआ मंथन
काशीपुर। राधे हरि राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, काशीपुर में सोमवार को आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (IQAC) के तत्वावधान में “विकसित भारत एवं समृद्ध उत्तराखण्ड के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों (HEIs) एवं व्यक्तियों की भूमिका : उच्च शिक्षा की पुनर्कल्पना पर संवाद” विषय पर एक दिवसीय संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया।
महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. सुमिता श्रीवास्तव ने मुख्य वक्ता के रूप में कहा कि “विकसित भारत @2047” के लक्ष्य की प्राप्ति में उच्च शिक्षण संस्थानों की भूमिका अत्यंत अहम है। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण, रोजगारपरक और नवाचार आधारित शिक्षा ही समृद्ध समाज की नींव रख सकती है।
कार्यक्रम में गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा, ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था, उद्योग-अकादमिक सहयोग, परीक्षा सुधार, डिजिटल शिक्षण प्रणाली और भारतीय ज्ञान परंपरा के समन्वय जैसे छह प्रमुख विषयों पर सार्थक विमर्श हुआ।
प्राध्यापकों ने उच्च शिक्षा को राष्ट्रीय विकास लक्ष्यों से जोड़ने और पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक शिक्षा पद्धति के साथ जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. रुचि कुलश्रेष्ठ ने किया और धन्यवाद ज्ञापन आकाश चंद्र मिश्रा ने प्रस्तुत किया। इस अवसर पर प्रो. मृत्युंजय सिन्हा, प्रो. कल्पनाथ यादव, प्रो. अनुराग, प्रो. कृष्ण कुमार, प्रो. महिपाल सिंह, प्रो. आदित्य प्रकाश सिंह सहित सभी संकायों के प्राध्यापक उपस्थित रहे।