राजकीय महाविद्यालय खाड़ी में इंद्रमणि बडोनी की 100वीं जयंती पर संगोष्ठी आयोजित

टिहरी गढ़वाल 24 दिसंबर। राजकीय महाविद्यालय खाड़ी में प्राचार्य प्रोफेसर अरुण कुमार सिंह के निर्देशन में राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा उत्तराखंड राज्य आंदोलन के मुख्य प्रणेता स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी जी की 100वीं जयंती के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राजनीति विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर निरंजना शर्मा ने की।
संगोष्ठी में प्रोफेसर निरंजना शर्मा ने अपने उद्बोधन में स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी के व्यक्तित्व, कृतित्व एवं जनसंघर्षों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य की प्राप्ति कोई आकस्मिक घटना नहीं, बल्कि दशकों तक चले संघर्ष, त्याग और जनआंदोलनों का परिणाम है, जिसमें इंद्रमणि बडोनी की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड आंदोलन के प्रणेता के रूप में बडोनी जी को ‘भीष्म पितामह’ तथा ‘उत्तराखंड का गांधी’ कहा जाता है।
प्रो. शर्मा ने कहा कि इंद्रमणि बडोनी जी ने गांव-गांव जाकर लोगों को यह समझाया कि पहाड़ की समस्याओं—रोजगार की कमी, पलायन, शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव तथा प्रशासन में पहाड़ी प्रतिनिधित्व की कमी—का स्थायी समाधान तभी संभव है जब उत्तराखंड का अलग राज्य बने। उन्होंने सत्य, अहिंसा और सत्याग्रह के मार्ग पर चलकर जनचेतना को संगठित किया।
इस अवसर पर प्राचार्य प्रोफेसर अरुण कुमार सिंह ने स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए छात्र-छात्राओं को उनके विचारों से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि बडोनी जी ने महात्मा गांधी के सिद्धांतों का अनुसरण करते हुए राज्य आंदोलन को दिशा दी और युवाओं को अपने राज्य के प्रति जागरूक, जिम्मेदार एवं समर्पित बनने का संदेश दिया।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त शिक्षकगण एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।



