कथा: दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाला (भाग-14)
कॉलेज को 30-30 हजार विद्यार्थियों को ढाई-ढाई हजार
विक्रम बिष्ट
एसआईटी की प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि स्वामी पूर्णानंद डिग्री कॉलेज मुनिकिरेती के वर्ष 2014 15 के एसी के 53 छात्र-छात्राओं ने छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया था। समाज कल्याण विभाग के द्वारा 47 छात्र छात्राओं को 33- 33 हजार रुपए की छात्रवृत्ति दी गई है। लेकिन कालेज द्वारा 25 छात्र-छात्राओं को ही छात्रवृत्ति दी गई। समाज कल्याण विभाग ने कालेज के 50 विद्यार्थियों को NEFT के माध्यम से छात्रवृत्ति का भुगतान किया गया बताया है।
इस जांच रिपोर्ट में उल्लेख है कि इन 25 छात्र-छात्राओं का 2014-15 में बीएससी में एडमिशन हुआ था। छात्रवृत्ति प्राप्त करने के बाद वह बिना परीक्षा दिए कॉलेज छोड़ गए थे। इन छात्रों का कालेज में दाखिला एक ही व्यक्ति नरेंद्र पंवार ने कराया था। छात्रवृत्ति के अधिकतर आवेदन पर पंवार का मोबाइल नंबर अंकित है। मुनिकिरेती स्थित अल्मोड़ा को ऑपरेटिव बैंक में एक ही हस्तलेख से इन छात्र-छात्राओं के खाते खोले गए। डिग्री कालेज ने एक पत्र लिखवाकर छात्रवृत्ति की रकम में से 30-30 हजार रुपये ऋषिकेश स्थित केनरा बैंक में अपने खाते में आरटीजीएस करवा दिये। छत्र-छात्राओं द्वारा ढाई-ढाई हजार रुपये आहरित किए गये। अब ये खाते बंद हैं। घटनाक्रम 2014-15 का है। नैनीताल उच्च न्यायालय ने एक पीआईएल पर 5 सितंबर 2019 को जांच के आदेश दिए थे। जिसके बाद एसआईटी गठित की गई थी।
जारी….
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